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This Article is From Apr 05, 2024

राजस्थान में पहली बार, सरकारी हॉस्पिटल में हुई ट्राइजेमिनल न्यूरॉल्जिया की सर्जरी, चेहरे के असहनीय दर्द से दिलाई मुक्ति

Trigeminal Neuralgia Surgery: राजस्थान के सरकारी अस्पताल में पहली बार ट्राइजेमिनल न्यूरॉल्जिया की सर्जरी हुई है. प्रसिद्ध इन्टरवेंशनल पैन स्पेशलिस्ट डॉ. यूनुस ख़िलजी ने यह ऑपरेशन किया है. इस ऑपरेशन में बिना चीरा लगाए डॉ. यूनुस ने मरीज़ की सर्जरी की.

राजस्थान में पहली बार, सरकारी हॉस्पिटल में हुई ट्राइजेमिनल न्यूरॉल्जिया की सर्जरी,  चेहरे के असहनीय दर्द से दिलाई मुक्ति

Trigeminal Neuralgia Surgery: बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के डॉ. यूनुस ख़िलजी ने बुधवार को एक 44 वर्षीय मरीज़ के ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का रेडियोफ्रीक्वेंसी अबलेशन तकनीक द्वारा सफल ऑपरेशन कर उसे भीषण दर्द से राहत दिलाई. बीकानेर में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है और पूरी तरह निःशुल्क किया गया है.

इस बडे ऑपरेशन की सफलता पर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने डॉक्टर्स टीम को बधाई दी है. उन्होंने बताया कि राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में संभवतः इस तरह का ये पहला ऑपरेशन है. ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया, जिसे अक्सर मानवता के लिए सबसे कष्टदायी पीड़ाओं में से एक के रूप में वर्णित किया जाता है. उसे दूर करने के लिए बीकानेर के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक अस्पताल में आशा की किरण मिली, क्योंकि यहां प्रसिद्ध इंटरवेंशनल पेन स्पेशलिस्ट डॉ. यूनुस खिलजी ने जूझ रहे मरीज़ की पीड़ा को कम करने के लिए सफल ऑपरेशन कर निजात दिलाई .

एसएसबी अधीक्षक डॉ. सोनाली ने बताया कि समान्यतः ऐसे ऑपरेशन बडे सेन्टर्स पर होते है और बहुत उपचार महंगे होते है कि लेकिन हमारे यहां डॉक्टर्स और नर्सेज़ मरीज़ों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है.

डॉ. यूनुस ख़िलजी ने बताया कि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया ट्राइजेमिनल तंत्रिका को प्रभावित करने वाली एक पुरानी दर्द की स्थिति है, जो चेहरे में संवेदनाओं को नियंत्रित करती है. लक्षणों में चेहरे में अचानक, गम्भीर और छुरा चुभने जैसा दर्द शामिल है, जो अक्सर रोज़मर्रा की गतिविधियों से शुरू होता है. रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जो दर्द के लिए ज़िम्मेदार तंत्रिका संकेतों को बाधित करने के लिए इलेक्ट्रिक हिट का उपयोग करती है. जिससे इस दर्दनाक स्थिति से पीड़ित रोगियों को राहत मिलती है. ग़ौरतलब है कि पैन मैनेजमेंट सेवाएं डॉ. ख़िलजी द्वारा प्रत्येक सोमवार को एसएसबी के कमरा नम्बर एक में नियमित रूप से ओपीडी समय में उपलब्ध करवाई जा रही है.

ऑपरेशन के दौरान दौरान एसएसबी अधीक्षक डॉ. सोनाली धवन, न्युरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश सोढ़ी, डॉ. कपिल पारीक, डॉ. प्रियंका सहित ओटी तकनीशियन, नर्सिंग स्टाफ एवं रेडियोग्राफर टीम का विशेष सहयोग रहा.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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