HMPV Virus Symptoms: चीन में तबाही मचाने के बाद भारत में फैल रहे एचएमपीवी वायरस (HMPV Virus) को लेकर लोगों में डर साफ देखा जा सकता है. वे लगातार गूगल सर्फिंग ( Google Surfing) के जरिए इसके लक्षण, इलाज और बचाव के बारे में खोज रहे हैं ताकि लंबे समय तक इससे सुरक्षित रह सकें. लेकिन भारतीय डॉक्टरों ने इस वायरस को लेकर अहम जानकारी साझा की है. देश में सामने आ रहे 'ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस' (HMPV) के मामलों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि यह वायरस नया नहीं है और लोगों को बुनियादी सावधानियां बरतने की जरूरत है.
हवा के माध्यम से फैलता है यह वायरस
डॉक्टरों ने बताया कि यह वायरस सांस के जरिए फैलता है. हाल ही में चीन में फैली महामारी जैसी स्थिति के बाद इसने सभी देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यह हर आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में इसके मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है. यह एचएमपीवी वायरस आमतौर पर हवा के जरिए फैलता है, खासकर सर्दियों और शुरुआती वसंत के दौरान.
23 साल पहले ही सामने आया था HMPV Virus
इस पर आगे बात करते हुए ‘उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स' के चिकित्सा निदेशक डॉ. आबिद अमीन भट ने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. इसे पहली बार 2001 में ढूंढ लिया गया था.लेकिन कोरोना के बाद हर वायरस पर ज्यादा ध्यान जाने लगा है. साथ ही इस बार यह अपने पहले से ज्यादा ताकतवर रूप में सामने आया है. जिससे यह एक उभरती हुई स्वास्थ्य चिंता बन रही है, क्योंकि इसकी चपेट में ज्यादातर 15 साल तक के कम बच्चे आसानी से आ रहे है. जो चिंता का विषय बन रहा है, लेकिन फिर भी ज्यादा घबराने की कोई बात नहीं है. इसके लक्षणों को समझना, आवश्यक सावधानियां बरतना और परीक्षण प्रोटोकॉल का पालन करना इसके फैलने के प्रभावी ढंग को रोकने में कारगर साबित हो सकते है.
क्या है इसके लक्ष्ण
वायरस के लक्ष्णों पर बात करते हुए डॉक्टर ने आगे बताया कि एचएमपीवी वायरस के सामान्य लक्षण खांसी, बुखार, थकान, सांस संबंधी बीमारियां, गले में खराश, बदन दर्द और कुछ मामलों में गैस संबंधी परेशानियां होती है.
ये सावधानियां बरतकर खुद को रखें सुरक्षित
बार-बार हाथ धोना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और एक-दूसरे से दूर रहना संक्रमण के जोखिम को कम करने के कारगर उपाय हैं. इसके अलावा स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद और शारीरिक व्यायाम के ज़रिए प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को मज़बूत करना भी ज़रूरी है. इसलिए अगर सांस लेने में कोई परेशानी हो रही है, तो जांच के बाद छाती का एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग तकनीक की सलाह दी जा सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)