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Congress Rejects Ram Mandir Invitation: यह आत्मघाती फैसला, आज दिल टूट गया... राम मंदिर का न्योता ठुकराने पर कांग्रेस के नेताओं ने भी उठाए सवाल

Congress Rejects Invitation for Ram Mandir Pran Pratistha: कांग्रेस ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता ठुकरा दिया है. इस फैसले पर पार्टी के पुराने नेता ही सवाल उठा रहे हैं.

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Congress Rejects Ram Mandir Invitation: यह आत्मघाती फैसला, आज दिल टूट गया... राम मंदिर का न्योता ठुकराने पर कांग्रेस के नेताओं ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी.

Congress Rejects Invitation for Ram Mandir Pran Pratistha: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले श्री राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किनारा कर लिया है. पार्टी ने चिट्ठी जारी करते हुए बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी इस समारोह में शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस के इस फैसले पर भाजपा ने तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस का राम विरोधी चेहरा आज फिर उजागर हुआ. लेकिन केवल भाजपा ही नहीं कांग्रेस के इस फैसले का विरोध पार्टी के पुराने नेता भी कर रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने तो यहां तक कह दिया कि यह आत्मघाती फैसला है, आज दिल टूट गया. 

यह भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम... 

कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि यह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का आयोजन है तथा ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर' का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं तथा धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक ‘राजनीतिक परियोजना' बना दिया है.

मालूम हो कि आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं खरगे, सोनिया और चौधरी को निमंत्रित किया गया था. लेकिन कांग्रेस ने आज वो न्योता ठुकरा दिया है. पार्टी के इस फैसले पर कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए. 

प्रमोद कृष्णम ने कहा- यह दुर्भाग्य पूर्ण और आत्मघाती फ़ैसला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कई टीवी डिबेट में पार्टी की बात पुरजोर तरीके से उठाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पार्टी के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, "श्री राम मंदिर के “निमंत्रण” को ठुकराना बेहद दुर्भाग्य पूर्ण और आत्मघाती फ़ैसला है,आज दिल टूट गया. प्रमोद कृष्णम ने अपने रिएक्शन में पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी टैग किया है. 

डीके शिवकुमार ने साधी चुप्पी

प्रमोद कृष्णम के अलावा कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से जब पार्टी के इस फैसले पर राय मांगी गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली. न्यूज एजेंसी से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि "मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। इसका जवाब पार्टी आलाकमान देंगे."

स्मृति ईरानी बोलीं- कांग्रेस का राम विरोधी चेहरा फिर हुआ उजागर

दूसरी ओर कांग्रेस द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी का भगवान राम विरोधी चेहरा देश के सामने प्रस्तुत हो चुका है. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में जिस पार्टी ने अदालत में दस्तावेज दिया था कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है, उस कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने राम मंदिर के 'प्राणप्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया...सोनिया गांधी और कांग्रेस के नेतृत्व में INDI गठबंधन ने बार-बार सनातन धर्म का अपमान किया है. अब INDI गठबंधन के नेताओं द्वारा 'प्राणप्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करना उनकी सनातन विरोधी सोच को दर्शाता है..."

कांग्रेस ने कहा- चुनावी लाभ के लिए भाजपा अधूरे मंदिर का कर रही उद्घाटन 

मालूम हो कि पार्टी के फैसले के बाबत कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला.'' रमेश ने दावा किया, ‘‘भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है.''

कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि एक ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर' का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है. रमेश ने कहा, ‘‘2019 के माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं.''

राम मंदिर के उद्घाटन में पीएम मोदी सहित कई गणमान्य रहेंगे मौजूद

उच्चतम न्यायालय ने 2019 में एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था और हिंदुओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले शहर में एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड मुहैया कराने का आदेश दिया था. इसके परिणामस्वरूप, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम शुरू हुआ। आगामी 22 जनवरी को 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्र के कई गणमान्यों को इसका न्योता दिया गया है.

यह भी पढ़ें - कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराया, सोनिया गांधी और खरगे नहीं जाएंगे अयोध्या

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