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This Article is From Feb 18, 2024

Aacharya VidhyaSagar Ji Maharaj: नहीं रहे जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज, तीन दिन उपवास के बाद त्यागी देह; महज 26 वर्ष की उम्र में बन गए थे आचार्य

Jain Saint Aacharya VidhyaSagar Ji Maharaj: तीन दिन के उपवास के बाद 'वर्तमान के वर्धमान' कहे जाने वाले जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ तीर्थ स्थल पर समाधि ली. उनके निधन से पूरे जैन समाज में शोक की लहर है.

Aacharya VidhyaSagar Ji Maharaj: नहीं रहे जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज, तीन दिन उपवास के बाद त्यागी देह; महज 26 वर्ष की उम्र में बन गए थे आचार्य
जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज को नमन करते पीएम मोदी, तस्वीर पिछले साल की है. आज पीएम मोदी ने इसे फिर शेयर किया है.

Jain Saint Aacharya VidhyaSagar Ji Maharaj: पूरे जैन समाज के लिए आज का दिन बेहद कष्टप्रद है. क्योंकि जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने समाधि ले ली है. तीन दिन के उपवास के बाद 'वर्तमान के वर्धमान' कहे जाने वाले जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ तीर्थ स्थल पर समाधि ली. उन्होंने तीन दिन पहले समाधि मरण की प्रक्रिया की शुरुआत की थी. जिसके बाद उन्होंने अन्न-जल का त्याग कर दिया था. मिली जानकारी के अनुसार शनिवार 17 फरवरी की देर रात 2.35 बजे दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्यागा. 

देश भर से डोंगरगढ़ पहुंच रहे शिष्य

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोगों में शोक की लहर है. देश भर से उनके शिष्यों का डोंगरगढ़ में जुटना शुरू हो गया है. जहां आज दोपहर 1 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा. मुनि श्री संभव सागर जी महाराज, समता सागर, महासागर जी महाराज, पूज्य सागर जी, निरामय सागर डोंगरगढ़ में ही हैं. लगभग 400 ब्रम्हचारी भैया और 350 दीदी पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंच चुके हैं.

पीएम मोदी ने भी दी श्रद्धांजलि

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में चंद्रागिरी में व्यवस्था बनाने के लिए राजनांदगांव पुलिस बल भारी संख्या में तैनात है. जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने की खबर मिलते ही कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धाजंलि देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है. जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हैं. 

विद्यासागर जी का ब्रह्मालीन होना अपूरणीय क्षतिः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर लिखा- आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी. तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था. समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.

विद्यासागर जी महाराज आचार्य ज्ञानसागर के शिष्य थे. 1972 में जब ज्ञानसागर जी ने समाधि ली थी, तब उन्होंने आचार्य पद विद्यासागर जी को सौंप दिया था. उस समय विद्यासागर जी महाराज मात्र 26 वर्ष के थे. 

मुनि श्री समय सागर जी नए आचार्य

विद्यासागर जी महाराज ने 6 फरवरी को दोपहर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली थी और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद के योग्य प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समय सागर जी महाराज को योग्य समझा और तभी उन्हें आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी. 

मालूम हो कि  आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 में शरद पूर्णिमा को कर्नाटक के बेलगांव जिले के सद्लगा ग्राम में हुआ था. दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज देश के ऐसे अकेले आचार्य थे, जिन्होंने अब तक 505 मुनि, आर्यिका, ऐलक, क्षुल्लक दीक्षा दी. 11 फरवरी को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने विद्यासागर जी महाराज को ब्रह्नांड के देवता के रूप में सम्मानित किया था.

यह भी पढ़ें - जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने त्यागा शरीर, चंद्रगिरी पर्वत में ली अंतिम सांस

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