विज्ञापन
This Article is From Jun 26, 2024

Kark Sankranti 2024: मकर संक्रांति की तर्ज पर वागड़ में मनाई जाएगी कर्क संक्रांति, 16 जुलाई को होगा उत्सवी माहौल

संभागीय आयुक्त डॉ.पवन ने बताया कि वागड़ के बांसवाड़ा और डूंगरपुर लिए यह गौरव का विषय है कि इस क्षेत्र के लोग ब्रह्मांड में एक विशिष्ट भौगोलिक स्थिति पर निवास कर रहे हैं. समूचा भारत मकर संक्रांति मनाता है, परंतु कर्क रेखा पर स्थित होने के कारण वागड़वासी मकर संक्रांति के साथ साथ कर्क संक्रांति भी मनाने जा रहे हैं.

Kark Sankranti 2024: मकर संक्रांति की तर्ज पर वागड़ में मनाई जाएगी कर्क संक्रांति, 16 जुलाई को होगा उत्सवी माहौल

Rajasthan News: अभी तक अपने मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के बारे में ही सुना और देखा होगा. लेकिन जनजाति जिले बांसवाड़ा (Banswara) में आने वाले माह में कर्क संक्रांति (Kark Sankranti) का आयोजन. इस आयोजन में खगोलीय विशेषज्ञों और कर्क रेखा (Tropic of Cancer) के बारे में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा.

संभागीय आयुक्त ने जारी किए आदेश

यानी 100 द्वीपों वाले शहर के नाम से मशहूर बांसवाड़ा की पहचान जल्द ही कर्क रेखा से भी जानी जाएगी. प्रदेश में सिर्फ बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में ही कर्क रेखा की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति पर होने के कारण संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन की पहल पर पहली बार 16 जुलाई को उत्सवी माहौल में कर्क संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इसके लिए प्रशासनिक तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं.

आयुक्त ने बताया इसका उद्देश्य

संभागीय आयुक्त डॉ.पवन ने बताया कि वागड़ के बांसवाड़ा और डूंगरपुर लिए यह गौरव का विषय है कि इस क्षेत्र के लोग ब्रह्मांड में एक विशिष्ट भौगोलिक स्थिति पर निवास कर रहे हैं. समूचा भारत मकर संक्रांति मनाता है, परंतु कर्क रेखा पर स्थित होने के कारण वागड़वासी मकर संक्रांति के साथ साथ कर्क संक्रांति भी मनाने जा रहे हैं. इसका प्रमुख उद्देश्य है कि इस अंचल के गौरवमयी तथ्य को लेकर देश दुनिया के पर्यटकों को यहां आमंत्रित किया जाए.

यादगार तरीके से मनाने की तैयारी

उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से वागड़ अंचल के दोनों जिलों में कर्क रेखा की स्थिति वाले पर्यटन स्थलों पर साइन बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं. साथ ही यह प्रयास किया जा रहा है कि कर्क संक्रांति के आयोजन को पूरा जिला यादगार तरीके से मनाए. इस आयोजन को उत्सवी माहौल में मनाया जाएगा और इसके लिए विविध गतिविधियों की कार्ययोजना तैयार की जा रही है.

ज्यादा होता है सोलर ऊर्जा का उत्पादन

कर्क रेखा के महत्व के बारे में हमने गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के कुल सचिव और भौगोलिक विशेषज्ञ डॉ लक्ष्मण परमार और इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर हिमांशु स्वर्णकार से भी बात की तो उन्होंने बताया कि कर्क रेखा का बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले के ऊपर से गुजरना इस क्षेत्र के लिए एक वरदान है, क्योंकि इससे एक तो इससे पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, और दूसरा कर्क रेखा के चलते यहां पर सोलर ऊर्जा का उत्पादन अन्य क्षेत्र से ज्यादा होता है. इसलिए यदि यहां पर सोलर प्लांट लगाए जाएं तो प्रदेश को अधिक सोलर ऊर्जा प्राप्त होगी.

ये भी पढ़ें:- स्पीकर चुनाव से पहले NDA के सहयोगी दलों को गहलोत की सलाह, बोले- 'भाजपा आने वाले दिनों में...'

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close