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This Article is From Jul 12, 2023

अजमेर : 'राजस्थान का हृदय' कहलाने वाली नगरी ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों के लिए दुनियाभर में है मशहूर

अरावली पर्वतमाला से घिरा यह खूबसूरत स्थल राजस्थान के बीचों-बीच स्थित है, जहां सांप्रदायिक सद्भाव का संगम देखने को मिलता है. यहां स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और पुष्कर के ब्रह्माजी के मंदिर में देश-विदेश से लाखों लोग दर्शन करने आते हैं.

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अजमेर : 'राजस्थान का हृदय' कहलाने वाली नगरी ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों के लिए दुनियाभर में है मशहूर
अजमेर की पुष्कर झील भी बेहद मशहूर है...

धर्मनगरी कहे जाने वाले राजस्थान के अजमेर में सांप्रदायिक सद्भाव का संगम देखने को मिलता है. यहां स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और पुष्कर के ब्रह्माजी के मंदिर में देश-विदेश से लाखों लोग दर्शन करने आते हैं. यहां रहने वाले अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके पूजा स्थलों के प्रति श्रद्धा भाव रखते हैं. अरावली पर्वतमाला से घिरा यह खूबसूरत स्थल राजस्थान के बीचों-बीच स्थित है, जिस वजह से इसे राजस्थान का हृदयस्थल भी कहा जाता है. अपनी धार्मिक परंपराओं और सांस्कृतिक महत्व के अलावा अजमेर अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के चलते भी लोगों को आकर्षित करता है. यहां स्थित झीलें और ऐतिहासिक इमारतें पर्यटकों के बीच खासी लोकप्रिय हैं.

वहीं अजमेर के इतिहास पर नजर डालें, तो इस नगर की स्थापना चौहान राजा अजय राज ने 1113 ईस्वी में की थी. शुरुआत में इसका नाम अजमेरु था, जो बाद में अजमेर हो गया. अजमेर पर कई राजवंशों ने शासन किया है, जिनमें चौहान शासक, मुगल, मेवाड़ और मारवाड़ प्रमुख थे. बाद में अजमेर अंग्रेज़ों के अधीन हो गया. धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध इस स्थान को राजपूताना कुंजी, भारत का मक्का, जिब्राल्टर और अंडों की टोकरी जैसे उपनामों से भी जाना जाता है.

यहां है दुनिया का इकलौता ब्रह्माजी का मंदिर
अजमेर जिले के पुष्कर में दुनिया का इकलौता ब्रह्माजी का मंदिर है. इसे हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, पुष्कर की यात्रा किए बिना दूसरे तीर्थ स्थलों का पुण्य भी नहीं मिलता, इसलिए इसे तीर्थराज भी कहा जाता है. कहा जाता है कि एक बार ब्रह्माजी ने पृथ्वी पर भक्तों की भलाई के लिए यज्ञ का विचार किया. यज्ञ की जगह के लिए उन्होंने अपने एक कमल को पृथ्वी लोक भेजा. कमल जिस जगह जाकर गिरा वो पुष्कर था, जिसके बाद ब्रह्माजी ने इसे ही यज्ञ के लिए चुना. जहां कमल गिरा था वहां तालाब बन गया था.

उसके बाद ब्रह्माजी यज्ञ करने के लिए पुष्कर पहुंचे लेकिन उनकी पत्नी सावित्री को पहुंचने में देरी हो रही थी. यज्ञ का शुभ मुहूर्त बीतता देख ब्रह्मा जी ने नंदिनी गाय के मुख से गायत्री को प्रकट किया और उनसे विवाह कर अपना यज्ञ शुभ समय पर शुरू किया. कुछ देर बाद सावित्री यज्ञ स्थल पर पहुंची और ब्रह्माजी के बगल में किसी और स्त्री को देख क्रोधित हो गई. सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि इस पृथ्वी लोक में आपकी कहीं पूजा नहीं होगी. इस श्राप को देखते हुए सभी देवी -देवताओं ने जब सावित्री से आग्रह किया तब उन्होंने अपना श्राप वापस लिया. साथ ही कहा कि धरती पर सिर्फ पुष्कर में ही ब्रह्मा जी की पूजा होगी. अगर किसी और जगह किसी ने उनका मंदिर बनाना चाहा तो उसका विनाश हो जाएगा. तब से ही दुनिया में केवल पुष्कर में ही ब्रह्माजी का मंदिर है. यहां पवित्र पुष्कर झील है, जिसमें 52 घाट हैं. इस तीर्थ स्थान पर प्रतिवर्ष प्रसिद्ध ‘पुष्कर मेला' भी लगता है.

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भी है, जिसे दरगाह अजमेर या ख्वाजा गरीबनवाज़ दरगाह भी कहा जाता है. यह न केवल मुस्लिम अनुयायी बल्कि अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी श्रद्धा का केंद्र है. यहां हर साल दुनिया भर से लाखों करोड़ों लोग चादर चढाने आते हैं. माना जाता है कि फारस से भारत आए ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने यहां आखिरी विश्राम किया था. उन्होंने यहां गरीबों और वंचितों की सहायता करने में अपना बाकी का जीवन समर्पित कर दिया था.  

प्रमुख पर्यटन व दर्शनीय स्थल
अजमेर अपने धार्मिक स्थल पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर और ख्वाजा की दरगाह  के अलावा आना सागर झील,फाईसागर झील, सोनी जी की नस्सिया, अढाई दिन का झोपडा,अकबर द्वारा निर्मित मैग्नीज किला, तारागढ़ दुर्ग, चश्मा-ए-नूर, तिलोनिया और काचरिया मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. यहां हर साल लाखों लोग घूमने के लिए आते हैं.  

औद्योगिक हब बनाने की तैयारी
अजमेर जिले की पहचान अब एक औद्योगिक हब के तौर पर बनती जा रही है. यहां वर्तमान में जिले में औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या बढ़ती जा रही है. साथ ही जिले में टांटोटी तहसील के शोकलिया व शोकली में रीको (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम) की ओर से दो नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने की योजना है. इसी तरह सराधना में भी रीको एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने जा रहा है. 

अजमेर नमक, कपड़े और कृषि के उत्पादों का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है. यहां जूते, दवा, साबुन और होजरी-ऊनी कपड़ों के कई उद्योग हैं. जिले के किशनगढ़ में स्थित संगमरमर की मंडी देश में सबसे बड़ी है. इसके अलावा अजमेर राज्य का सबसे बड़ा फेल्सपार उत्पादक जिला भी है.

आइए, एक नज़र अजमेर से जुड़ी अहम जानकारियों पर

  • अजमेर में जौ, जीरा, चना, सरसों, तारामीरा, ज्वार, मक्का, बाजरा, कपास, तिलहन, मिर्च और गेहूं फसलें बहुतायत में उगाई जाती हैं.
  • राजस्थान में गुलाब का सर्वाधिक उत्पादन अजमेर में ही किया जाता है.
  • अजमेर एक संभाग भी है, जिसमें अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर जिले आते हैं.
  • अजमेर जिले में 16 तहसीलें - ब्यावर, किशनगढ़, अराई, केकड़ी, सावर, नसीराबाद, मसूदा, विजयनगर, भिनाय, रूपनगढ़, सरवाड़, टाटोती, पीसांगन, पुष्कर, टॉडगढ़ हैं.
  • अजमेर में 8 विधानसभा क्षेत्र - किशनगढ़, पुष्कर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, नसीराबाद, मसूदा, केकड़ी और ब्यावर हैं.
  • अजमेर जिले में कुल 325 ग्राम पंचायत हैं.
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