
History Book Controversy: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की इतिहास की पुस्तक ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत' में कांग्रेस नेताओं का अधिक उल्लेख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान की अनदेखी को लेकर उठा विवाद अब और गहरा गया है. इसी विवाद के बीच सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर दिनेश कुमार ओझा को एपीओ कर दिया गया है और उनका स्थानांतरण शिक्षा निदेशालय बीकानेर कर दिया गया है.
ओझा ने कहा कि किताब सरकार की अनुमति से ही छपी थी और 2026-27 में सिलेबस रिविजन होना है, फिर भी उन्हें बिना कारण बताए हटा दिया गया. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किताबों में कांग्रेस के "गुणगान" पर आपत्ति जताते हुए कहा कि "बेक़ार जाएं तो जाएं पैसे, लेकिन ज़हर थोड़े ही खाएंगे." उन्होंने साफ किया कि गलत जानकारी बच्चों को नहीं पढ़ाई जाएगी.
कांग्रेस ने दी तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नेहरू, इंदिरा, राजीव, मनमोहन जैसे नेताओं का योगदान इतिहास का हिस्सा है, जिसे मिटाया नहीं जा सकता. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार बच्चों से सच्चाई छुपाना चाहती है?
4.90 लाख किताबें 19,700 स्कूलों में भेजी जा चुकी हैं
गौरतलब है कि इन किताबों को राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल ने नए सत्र (2025) के लिए छापा है और 4.90 लाख किताबें 19,700 स्कूलों में भेजी जा चुकी हैं. करीब 80% किताबों का वितरण भी हो चुका है. कांग्रेस ने इस पूरी कार्रवाई को शिक्षा व्यवस्था पर "वैचारिक प्रहार" बताया है.
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