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This Article is From Jul 07, 2023

राजस्थान का चेरापूंजी कहा जाता है बांसवाड़ा जिला, टापुओं पर बसा है शहर

बांसवाड़ा अपने पर्यटन स्थलों के लिए काफी मशहूर है. माही नदी पर बने डैम के कारण यहां कई टापू हैं. इसी कारण से इसे 'सिटी ऑफ हंड्रेड आईलैंड्स' भी कहा जाता है. इन्हीं टापुओं को कारण इस शहर को एक अलग ही पहचान मिलती है.

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राजस्थान का चेरापूंजी कहा जाता है बांसवाड़ा जिला, टापुओं पर बसा है शहर
बांसवाड़ा का माही बजाज सागर डैम बेहद मशहूर है...

राजस्थान का बड़ा हिस्सा मरुस्थल है. यह एक ऐसा प्रदेश है जो कम वर्षा के लिए पहचाना जाता है. लेकिन राजस्थान का बांसवाड़ा जिला इस मामले में अपवाद है. इस जिले को राजस्थान का चेरापूंजी कहा जाता है. दरअसल, रेगिस्तानी राज्य के इस जिले में अपेक्षाकृत से पानी की उपलब्धता काफी है और जंगलों की भी कमी नहीं है. कहा जाता है कि कभी इस जिले में बांस बहुतायत मात्रा में मिलते थे, इसी कारण जिले का नाम बांसवाड़ा पड़ा. यह जिला दक्षिणी भाग में गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. इस जिले में एमपी से होकर आने वाली माही नदी कभी यहां की जीवन वाहिनी हुआ करती थी.

टापुओं की वजह से कहा जाता है 'सिटी ऑफ हंड्रेड आईलैंड्स'

बांसवाड़ा अपने पर्यटन स्थलों के लिए काफी मशहूर है. माही नदी पर बने डैम के कारण यहां कई टापू हैं. इसी कारण से इसे 'सिटी ऑफ हंड्रेड आईलैंड्स' भी कहा जाता है. इन्हीं टापुओं को कारण इस शहर को एक अलग ही पहचान मिलती है. 

गौतम बुद्ध के जीवन के अंतिम वर्ष यही गुजरे

राजस्थान के इस नगर के इतिहास की बात करें तो इसे पुत्रका नाम के एक राजा ने बसाया था. कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने अपने जीवन के आखिरी साल इसी जगह पर गुजारे थे. जिस बांसवाड़ा को हम लोग आज देख रहे हैं, उसकी स्थापना एक भील राजा वाहिया चरपोटा ने की थी. जिन्हें राजा बांसिया भील के नाम से भी जाना जाता था. कई स्थानीय लोगों का मानना है कि इन्हीं बांसिया भील के नाम पर इस शहर का नाम पड़ा.

माही बजाज डैम से विलुप्त होती माही नदी को बचाने की कवायद

जल विद्युत उत्पादन और जलापूर्ति के उद्देश्य से 1972 से 1983 के बीच में बांसवाड़ा में माही नदी पर माही बजाज डैम बनाया गया. यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा डैम है. इस बांध में 140 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता है. खंभात की खाड़ी की ओर बहती हुई माही नदी प्रदूषण के कारण विलुप्त होने की कगार पर है. इस बांध से इसे बचाने की कवायद भी की जा रही है. माही नदी पर बने इस डैम का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चमन लाल बजाज के नाम पर रखा गया है.

राजस्थान के जलियांवाला बाग के रूप में पहचाना जाता है यहां का मनगढ़ धाम

बांसवाड़ा जिला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां आनंद सागर लेक, अब्दुल्ला पीर दरगाह, अंदेश्वर पार्श्वनाथ जी मंदिर, रामकुंड, विट्ठल देव मंदिर, डायलाब झील, माही बजाज डैम के साथ माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर जैसे कई आकर्षक दर्शनीय स्थल है. यहां मौजूद मनगढ़ धाम को राजस्थान का जलियांवाला बाग भी कहा जाता है, यहां 1913 में हजारों आदिवासी समुदाय के लोगों को ब्रिटिश सेना ने मौत के घाट उतार दिया था. ऐतिहासिक रूप से मशहूर बांसवाड़ा जिला राजस्थान के ऐतिहासिक धरोहर की एक अहम कड़ी है.

जिले से जुड़ी कई अहम जानकारियां - 

  • साल 2011 के जनगणना के अनुसार यहां 17,97,450 की जनसंख्या थी और यहां का लिंगानुपात 980 था.
  • इस जिले में 5 विधानसभा क्षेत्र- बांसवाड़ा, घाटोल, गढ़ी, बागीदौरा और कुशलगढ़ हैं.
  • इस जिले में 12 तहसीलों के अंदर कुल 1,544 गांव हैं.
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