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This Article is From Aug 16, 2023

कोटा में नहीं थम रहे हैं आत्महत्या के मामले, अब बिहार के छात्र ने किया सुसाइड

कोटा में बीते 8 महीने में सुसाइड का यह 22 वां प्रकरण है. पुलिस को मृतक छात्र वल्मीकि प्रसाद के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस मकान मालिक और वहां रह रहे अन्य छात्रों से जानकारी जुटा रही है. पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है और मृतक छात्र के बारे में मकान मालिक से पूछताछ की है.

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कोटा में नहीं थम रहे हैं आत्महत्या के मामले, अब बिहार के छात्र ने किया सुसाइड

कोचिंग नगरी कोटा (Kota) में स्टूडेंट्स के सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, कोटा के महावीर नगर इलाके में एक और छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मृतक महावीर नगर इलाके के एक मकान में किराए पर रह रहा था. मृतक छात्र की पहचान बिहार के गया जिले के वाल्मीकि प्रसाद के रूप में हुई है.

मिली जानकारी के अनुसार 2 साल पहले छात्र इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोटा आया था. छात्र का शव उसके कमरे में फंदे से लटका मिला. सूचना मिलने पर महावीर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मकान मालिक और अन्य स्टूडेंट की मदद से छात्र के शव को फंदे से नीचे उतारा। मृतक का शव अस्पताल की मोर्चरी में रखा है.

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आत्महत्या की घटना के बाद थाने में कागजी कार्रवाई करते पुलिसकर्मी

पुलिस को मृतक छात्र वल्मीकि प्रसाद के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस मकान मालिक और वहां रह रहे अन्य छात्रों से जानकारी जुटा रही है. पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। बता दें, कोटा में बीते 8 महीने में सुसाइड का यह 22 वाँ मामला है. बीते दिनों जिला प्रशासन ने सुसाइड को रोकने की कवायद शुरू की थी, फिर भी सुसाइड के मामले रूक नहीं रहे हैं.

2 लाख स्टूडेंट्स में से डिप्रेशन वाले छात्र को पहचान मुश्किल

कोटा में लगातार हो रहे स्टूडेंट सुसाइड के मामलों को लेकर जिला प्रशासन भी चिंतित है. हाई कोर्ट की गाइडलाइन के बाद लगातार जिला प्रशासन विद्यार्थियों को अवसाद मुक्त रखने के लिए गंभीर है, लेकिन कोचिंग में पढ़ रहे स्टूडेंट्स की सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

इस साल स्टूडेंट्स के सुसाइड का आंकड़ा 8 महीने में 20 पर पहुंच गया है जो चिंताजनक होने के साथ-साथ डरावना भी है पिछले दिनों निर्देश जारी किया गया था कि कोटा में प्रत्येक स्टूडेंट का साइक्लोजिकल टेस्ट किया जाएगा ताकि डिप्रेशन का शिकार छात्र की काउंसलिंग की जा सके और उसकी जान बचाई जा सके.

रमजीत सिंह

सीआई महावीर नगर थाना

निःसंदेह कोटा में बड़ी संख्या में छात्र कोचिंग के लिए पहुंचते है और उनमें से डिप्रेशन से ग्रस्त छात्र की पहचान करना न सिर्फ मुश्किल है। विशेषज्ञ बताते हैं कि छात्रों में बढ़ते सुसाइड मामलों पर रोक के लिए माइक्रो लेवल की कमेटी गठित कर छात्रों और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की जरूरत हैं.

वर्ष 2023 में, कोटा शहर में पहले ही 19 छात्र आत्महत्याओं की चिंताजनक संख्या देखी जा चुकी है, इन चौंकाने वाले आंकड़ों ने निवासियों और विशेषज्ञों दोनों को चिंतित कर दिया है. पिछले वर्ष, 2022 में ऐसी 15 मौतें हुईं, जबकि 2021 में 9 मामले दर्ज किए गए. यह बढ़ती प्रवृत्ति विशेष रूप से परेशान करने वाली है, क्योंकि कुछ साल पहले, 2019 और 2020 में, महामारी के कारण कोटा में कम छात्र थे.

आत्महत्या की बढ़ती संख्या, चिंताजनक स्थिति

गौरतलब है कोटा में बढ़ते सुसाइड के मुद्दे की गंभीरता दिसंबर 2022 में सामने आई, जब एक ही दिन में 3 छात्रों की मौत हो गई. वर्ष 2018 में 12 छात्रों ने आत्महत्या की थी, और उससे एक साल पहले, 2017 में ऐसी 10 मौतें दर्ज की गईं थीं. विशेषज्ञों ने कोविड-19 महामारी के बाद आत्महत्याओं में 60 फीसदी की वृद्धि का चिंताजनक पैटर्न देखा है, जो छात्रों के लिए सहायता तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डालती है.

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