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Restless Legs: बैठे-बैठे हिलाते हैं पैर तो छोड़ दीजिए ये आदत, दिमाग पर पड़ता है इसका सीधा असर, जानें कैसे

आजकल लोग कुर्सी पर बैठे- बैठे या फिर बिस्तर पर सोते समय अचानक से अपने पैर हिलाने लगते हैं, मेडिकल साइंस में इसे 'रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम' RLS के नाम से जाना जाता है.

Restless Legs: बैठे-बैठे हिलाते हैं पैर तो छोड़ दीजिए ये आदत, दिमाग पर पड़ता है इसका  सीधा असर, जानें कैसे

Restless Legs Syndrome: आजकल लोग कुर्सी पर बैठे- बैठे या फिर बिस्तर पर सोते समय अचानक से अपने पैर हिलाने लगते हैं और जब भी आपके बड़े-बुजुर्ग आपको ऐसा करते हुए देखते हैं तो अक्सर आपको टोकते हैं. वो आपको ये कहकर रोकते हैं कि घर में झगड़ा हो जाएगा या कुछ अशुभ होने का कहकर टोकते है. मेडिकल साइंस में इसे 'रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम' RLS के नाम से जाना जाता  है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुभ या अशुभ होने से कहीं ज़्यादा इसका असर आपकी सेहत पर पड़ता है. इसका सीधा संबंध आपके दिमाग से होता है. आइए जानते हैं कैसे.

क्या है इसके कारण (Restless Legs Syndrome causes)

एक शोध में पता चला है कि आरएलएस (रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम) (Restless Legs Syndrome) का कारण अभी भी पता नहीं चल पाया है. कुछ मामलों में इसे वंशानुगत माना जाता है। और कुछ में, आरएलएस का संबंध मधुमेह, किडनी की समस्याओं, आयरन की कमी, कुछ दवाओं, गर्भावस्था, नींद की बीमारी और शराब की लत से पाया गया है. लेकिन कई बार ये दिमाग के लिए घातक साबित होते है. जो इस प्रका है. 

बेचैनी पैर सिंड्रोम (Restless Legs Syndrome): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों में असुविधा और झुनझुनी होती है, जिसके कारण पैरों को बार-बार हिलाने की इच्छा होती है.

खून का फ्लो धीमा: अगर आप लंबे समय तक बिस्तर या कुर्सी पर बैठकर अपने पैरों को लगातार हिलाते रहते हैं, तो इनके नीचे की नसें दब जाती हैं और शरीर के जिस हिस्से में काम हो रहा होता है, उस तरफ रक्त का प्रवाह काफी तेजी से होने लगता होता है. जिससे पैरों में दर्द, सूजन और सुन्नपन की समस्या पैदा हो सकती है.

गठिया (Arthritis) और नींद का रिश्ता : पैर हिलाने से जोड़ों पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे गठिया (Arthritis)का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा बोस्टन के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर और इस शोध के प्रमुख डॉ. डब्ल्यू विंकमैन का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति औसतन सोने से पहले 200-300 बार अपने पैर हिलाता है.

एकाग्रता में कमी (Less Concentration): बार-बार पैर हिलाने (Restless Legs Syndrome) से दिमाग पर सीधा असर पड़ता है. इससे एकाग्रता में कमी आ सकती है, जिससे कोई भी काम करने या पढ़ाई करने में दिक्कत हो सकती है.

हार्ट अटैक का बना रहता है खतरा (Heart Attack): इस बीमारी के आदी लोग जल्द ही हृदय संबंधी बीमारियों (Cardiovascular) के शिकार हो जाते हैं. लगातार पैर हिलाने से हृदय गति भी बढ़ जाती है, जिससे मौत का खतरा और बढ़ जाता है.

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