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This Article is From Aug 15, 2023

आश्रम में मृत पाए गए संत मोहनदास महाराज, मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस

सोमवार को सुबह जब लोग आश्रम पहुंचे तो संत मोहनदास का शव फर्श पर पड़ा मिला. उनके हाथ व पैर रस्सियों से बंधे हुए थे.जबकि उनके मुंह और आंखों पर भी पट्टी बंधी हुई थी. शव के पास खून भी बिखरा हुआ था. हादसे की रात संत आश्रम में अकेले थे। 

आश्रम में मृत पाए गए संत मोहनदास महाराज, मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस
फाइल फोटो

रविवार रात डीडवाना जिले के रसाल गांव में स्थित हरिराम बाबा की बगीची के संत मोहनदास महाराज की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई. सोमवार को सुबह जब लोग आश्रम पहुंचे तो संत मोहनदास का शव फर्श पर पड़ा मिला. उनके हाथ व पैर रस्सियों से बंधे हुए थे.जबकि उनके मुंह और आंखों पर भी पट्टी बंधी हुई थी. शव के पास खून भी बिखरा हुआ था. हादसे की रात संत आश्रम में अकेले थे। 

रिपोर्ट के मुताबकि हरिराम बाबा की बगीची के संत की हत्या की खबर मिलते ही सनसनी फैल गई और स्थानीय लोगों की भीड़ आश्रम पहुंच गई. घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल को सील कर तफ्तीश शुरू कर दी.

ग्रामीणों ने संत की हत्या का विरोध जताया औरआरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग करते हुए शव लेने से इंकार कर दिया. हालांकि बाद में पुलिस-प्रशासन के समझाने के बाद परिजन शव लेने को राजी हुए

मौके पर पहुंचे डीडवाना के पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार नुनावत ने घटना का मुआयना किया. जांच के बाद संत के शव को कुचामन के राजकीय अस्पताल की मर्चरी में रखवाया गया. इस मामले में संत मोहनदास के भतीजे त्रिलोक राम ने पुलिस को बताया कि रविवार रात 8:00 बजे संत मोहनदास अपने कमरे में सोने के लिए चले गए थे. 

परिजनों ने की आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग

संत की हत्या की खबर सुनकर मंदिर में भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई. इस दौरान ग्रामीणों ने संत की हत्या का विरोध जताया औरआरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग करते हुए शव लेने से इंकार कर दिया. हालांकि बाद में पुलिस-प्रशासन के समझाने के बाद परिजन शव लेने को राजी हुए. सूचना के मुताबिक पोस्टमार्टम के पश्चात संत के शव का दाह संस्कार किया गया है.

चोरी या लूट के मकसद से हो सकती है हत्या

मामले में जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार नुनावत ने बताया कि मृतक के हाथ-पांव बंधे हुए थे और आसपास खून भी बिखरा हुआ था. प्रथम दृष्टिया किसी चोरी या लूट के मकसद को लेकर हत्या हो सकती है. फिलहाल,पुलिस मामले की मामले की जांच में जुटी है कि आखिर संत की हत्या किसने और क्यों की? इसका खुलासा जांच से ही स्पष्ट हो पाएगा.

14 सालों से बगीची के मंदिर में सेवा कर रहे थे संत

जानकारी के अनुसार हरिराम बाबा की बगीची रसाल गांव के बाहरी इलाके स्थित है. जहां संत मोहनदास महाराज पिछले 14 सालों से सेवा कर रहे थे. उनके परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटे और एक बेटी है, जो उसी गांव में उनके साथ रहते हैं. दिन के समय संत के साथ दो शिष्य भी रहते हैं, लेकिन रात को दोनों गांव की गौशाला में सोने के लिए चले जाते हैं. 

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