New Criminal Laws: भारत में आज 1 जुलाई से राजस्थान समेत पूरे देश में नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. आज से भारतीय दंड संहिता या आईपीसी की जगह 'भारतीय न्याय संहिता', आपराधिक न्याय प्रक्रिया सीआरपीसी की जगह 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता' और इंडियन एविडेंस ऐक्ट की जगह 'भारतीय साक्ष्य अधिनियम' लागू हो गए हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नए कानूनों के लागू होने के मौके पर राज्य के आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की. मुख्यमंत्री ने नए कानूनों के लागू होने का स्वागत करते हुए कहा कि ये उन कानूनों की जगह लाए गए हैं जिनका आज के परिदृश्य में ज्यादा महत्व नहीं था और जो पुराने थे, और उस समय के हिसाब से बनाए गए थे.
नए कानून
- भारतीय न्याय संहिता (BNS)
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)
पुराने कानून
- भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code IPC, 1860)
- आपराधिक न्याय प्रक्रिया (Code of Criminal Procedure CrPC, 1973)
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act, 1872)
अंग्रेजों ने शासन करने के लिए बनाए थे कानून - भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री ने कहा कि निरस्त किए गए आपराधिक कानून लगभग 150 साल पहले अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए बनाए थे. मुख्यमंत्री ने कहा,”जिन तीन आपराधिक कानूनों को निरस्त किया गया है वो डेढ़ सौ साल पुराने अंग्रेजों के शासन के समय के थे. ये कानून विदेशी शासकों ने अपना शासन बनाए रखने के लिए बनाए थे.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने कानूनों का मुख्य उद्देश्य आम जनों को न्याय दिलाने की जगह उन पर शासन करना था. उन्होंने कहा,”वो कोई न्याय देने के लिए नहीं, सिर्फ शासन करने के लिए बनाया गया था.
.”
ये भी पढ़ें - सीएम भजनलाल ने नए कानून पर की मीटिंग, बोले- गृह विभाग और पुलिस विभाग की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ज़ोर देकर कहा कि पुराने कानून ‘गुलामी की मानसिकता वाले' कानून थे जबकि नए कानूनों में ‘भारतीयता की आत्मा को स्थापित किया गया है'. उन्होंने कहा,”तीनों नए कानूनों से भारतीयता और भारतीय संविधान की मूल भावना को भी बल मिलेगा.”
थानों, पुलिस चौकियों, कार्यालयों में जानकारियाँ दी जाएँ - मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नए आपराधिक कानूनों के केंद्र में न्याय की अवधारणा, पीड़ित केंद्रित सोच तथा त्वरित न्याय के सिद्धांत को रखते हुए नवीन प्रावधानों को जोड़ा गया है'.
#Live:-
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) July 1, 2024
नए आपराधिक कानून प्रभावी होने पर वर्चुअल संबोधन, जयपुरhttps://t.co/sdKKEvwCIf
उन्होंने साथ ही पुलिस और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो आम लोगों को नए कानूनों के बारे में जागरूक करें. उन्होंने कहा, “हमारे पुलिस थानों के सामने जानकारी दें, पुलिस चौकियों और कार्यालयों में जानकारियाँ दें ताकि सभी इनको समझ सकें और समाज के अंदर पुलिस के प्रति विश्वास और अपराधियों में भय हो.”
सांसदों की नई समिति समीक्षा करे - अशोक गहलोत
मगर नए आपराधिक कानूनों को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर प्रहार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन कानूनों के जरिए देश में पुलिसिया शासन चलाने की कोशिश की गई है और इनकी समीक्षा की जानी चाहिए.
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है- “IPC, CrPC एवं एविडेंस एक्ट की जगह पर 1 जुलाई से लागू हो रहे भारतीय न्याय संहिता को व्यापक रिव्यू की आवश्यकता है. इस संहिता में बनाए गए कानून देश को एक पुलिसिया राज्य (पुलिस स्टेट) बनाने जैसे हैं.”
IPC, CrPC एवं एविडेंस एक्ट की जगह पर 1 जुलाई से लागू हो रहे भारतीय न्याय संहिता को व्यापक रिव्यू की आवश्यकता है। इस संहिता में बनाए गए कानून देश को एक पुलिसिया राज्य (पुलिस स्टेट) बनाने जैसे हैं। इन कानूनों को नए सांसदों द्वारा बनने वाली समिति को व्यापक समीक्षा के लिए भेजकर सभी…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 30, 2024
अशोक गहलोत ने कहा कि नए कानूनों को नए सांसदों की बनने वाली समिति के पास भेजा जाना चाहिए और इनकी समीक्षा कर सभी हितधारकों की राय ली जानी चाहिए.