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This Article is From Oct 21, 2023

Gaganyaan Mission: अचानक रोक दी गई 'गगनयान' की पहली उड़ान, ISRO चीफ बोले- 'समय पर स्टार्ट नहीं हुआ इंजन'

गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल की लॉन्चिंग को ठीक 5 सेकेंड पहले रोक दिया गया है. कुछ तकनीकी खराबी की वजह से ये फैसला किया गया है. ISRO चीफ ने ये जानकारी साझा की है.

Gaganyaan Mission: अचानक रोक दी गई 'गगनयान' की पहली उड़ान, ISRO चीफ बोले- 'समय पर स्टार्ट नहीं हुआ इंजन'

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को होने वाले गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 को लॉन्च से ठीक 5 सेकेंड पहले होल्ड पर डाल दिया. ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ (S. Somanath) ने खुद मीडिया के सामने आकर ये जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि ऑटोमेटिक लॉन्च सिक्वेंस के जरिए लिफ्ट ऑफ होना था, लेकिन इंजन समय पर चालू नहीं पाया. इसीलिए लॉन्चिंग रोक दी गई. अब हमें देखना होगा कि कहां गड़बड़ी हुई है. फिलहाल व्हीकल पूरी तरह से सेफ है. हमें व्हीकल के पास जाना होगा और देखना होगा कि क्या हुआ. जांच के बाद ही हम कारण बता पाएंगे.

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे 8 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण लॉन्चिंग के समय में बदलाव करके 8:45 कर दिया गया. लेकिन गड़बड़ी होने के कारण इसे अबॉर्ट कर दिया गया. ISRO के इस मिशन का मकसद सुरक्षा को जांचना था. आसान शब्दों में कहें तो इसरो का गगनयान मिशन मानव अंतरिक्ष मिशन भेजने की क्षमता को दिखाने के लिए बनाया गया था. इस मिशन के तहत 3 लोगों की टीम को 3 दिन के लिए अंतरिक्ष में 400 किमी की कक्षा में पहले लॉन्च किया जाएगा फिर उसे समुद्र में उतारकर उनको पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता को प्रदर्शन करने की कल्पना की गई. यह एक टेस्ट ट्रायल था. 

गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है..‘क्रू मॉड्यूल' रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है. इसमें एक दबावयुक्त धात्विक 'आंतरिक संरचना' और 'थर्मल सुरक्षा प्रणालियों' के साथ एक बिना दबाव वाली 'बाहरी संरचना' शामिल है.

गगनयान मिशन 2022 में ही लॉन्च होना था, लेकिन कोरोना महामारी और मिशन की जटिलताओं की वजह से इसमें देरी हो गई. इसरो का गगनयान मिशन अगर सफल रहता है तो अमेरिका, चीन और पूर्ववर्ती सोवियतसंघ के बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ानें संचालित करने वाला चौथा देश बन जाएगा. 

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