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शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, 41 साल बाद भारतीय यात्री अंतरिक्ष मिशन पर रवाना

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा द्वारा इतिहास रचने के चार दशक बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं.

शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, 41 साल बाद भारतीय यात्री अंतरिक्ष मिशन पर रवाना

Shubhabnshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है. 1984 में राकेश शर्मा के बाद पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष अभियान पर रवाना हुआ है. बुधवार 25 जून को शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से ड्रैगन अंतरिक्ष यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हो गए. SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर डॉक करेगा. यह 14 दिनों का अभियान है जिसमें ये अंतरिक्ष यात्री 60 प्रयोग करेंगे.

वो पल जब शुभांशु शुक्ला का यान रवाना हुआ -:  देखें Video 

फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रॉकेट की लॉन्चिंग पूरी तरह सफल रही. इससे पहले खराब मौसम और कई अन्य कारणों से इस अभियान को छह बार टालना पड़ा था. विमान में शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन और देशों - अमेरिका, हंगरी और पोलैंड - के अंतरिक्ष यात्री  मिशन पर गए हैं. 

शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं. उनके अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से रिटायर्ट अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन हैं जो मिशन का नेतृत्व कर रही हैं. वह अमेरिका की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं. साथ ही यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ESA की ओर से पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू इस मिशन में शामिल हैं.

चारों अंतरिक्ष यात्रियों की तस्वीर

चारों अंतरिक्ष यात्रियों की तस्वीर
Photo Credit: PTI

अंतरिक्ष यान से शुभांशु शुक्ला का हिंदी में संदेश

शुभांशु शुक्ला ने स्पेसएक्स यान के प्रक्षेपण के बाद यान से ही एक वीडियो संदेश दिया है. उन्होंने कहा,"मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफ़र है! हम 41 साल बाद वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. यह एक अद्भुत सफ़र है. हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं. मेरे कंधों पर मेरा तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ. यह मेरी यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं है, ये भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है. मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस सफ़र का हिस्सा बनें. आपका सीना भी गर्व से चौड़ा होना चाहिए... आइए हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें. जय हिंद! जय भारत!"

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था. वर्ष 2006 में वो भारतीय वायुसेना में शामिल हुए और वो सुखोई-30 मार्क 1, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्निए और एएन-32 जैसे अत्याधुनिक विमान उड़ा चुके हैं. उन्हें 2019 में भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम के लिए चुना गया और बाद में एक्सिओम-4 के लिए पायलट के रूप में चुना गया.

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Photo Credit: PTI

लखनऊ में जन्मे 40 वर्षीय शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान को देखने के लिए लखनऊ में उनके स्कूल ‘सिटी मोंटेसरी स्कूल' में एक विशेष आयोजन रखा गया था जहा जहां उनके माता-पिता और परिवार भी उपस्थित रहे.  

शुभांशु के पिता शंभू शुक्ला ने कहा, "यह न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे देश के लिए भी एक महान क्षण है. हम इस समय क्या कह सकते हैं, मेरे पास अब शब्द नहीं हैं ... मेरा आशीर्वाद हमेशा मेरे बेटे के साथ है."

शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा,"इस समय मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है. मैं बहुत खुश हूं। मुझे पता है कि वह सफल होगा. हालांकि मैं एक सफल मिशन के बाद उसके लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, लेकिन मुझे यह भी पता है कि धरती पर वापस लौटने के बाद भी उसे हमारे बीच आने में कुछ समय लगेगा." 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने लॉन्च के बाद एक्स पर लिखा है - "आज थोड़ी सी और मानवता अंतरिक्ष की ओर रवाना हो गई. एक्सिओम का चौथा अभियान 26 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच जाएगा." 

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