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This Article is From Dec 07, 2024

Ajmer News: 1 रुपये के कैचअप की डिलीवरी पर 84 रुपये वसूले, उपभोक्ता कोर्ट ने पिज्जा हट पर लगाया भारी जुर्माना

Rajasthan News: अजमेर के एक उपभोक्ता ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी के जरिए तीन गुना मुनाफा कमाया है. पिज्जा हट के खिलाफ दर्ज मामले में उसके पक्ष में फैसला सुनाया गया है.

Ajmer News: 1 रुपये के कैचअप की डिलीवरी पर 84 रुपये वसूले, उपभोक्ता कोर्ट ने पिज्जा हट पर लगाया भारी जुर्माना
प्रतीकात्म तस्वीर

Ajmer News: ऑनलाइन फूड डिलीवरी की आड़ में उपभोक्ता लगातार ठगी का शिकार हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला अजमेर में देखने को मिला. जहां एक रुपए के केचप की होम डिलीवरी पर 84 रुपए का बिल थमा दिया गया. ताजा मामला जिले के मित्तल मॉल स्थित पिज्जा हट का है.जहां अजमेर के नया बाजार निवासी कृतेश खंडेलवाल ने पिज्जा हट के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. फैसले के बाद मालिक को तीन गुना मुनाफा हुआ है.

8 ग्राम के टोमैटो के बदले 84 रुपए चुकाएं

दरअसल, अजमेर के नया बाजार के कृतेश खंडेलवाल ने 25 अगस्त 2024 को स्विगी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए होम डिलीवरी के लिए 8 ग्राम का टोमैटो केचप का पैकेट ऑर्डर किया था. जिस पर एमआरपी 95 पैसे थी, लेकिन पिज्जा हट के मालिक ने उपभोक्ता को अन्य खर्चे जोड़कर 84 रुपए का बिल बना दिया. उसने उस समय तो भुगतान कर दिया लेकिन बाद में बिल चेक करने पर हकीकत सामने आई, जिस पर बिल 84 रुपए का था, जिसमें 95 पैसे का टोमैटो केचप और अन्य खर्चे जैसे ऑर्डर पैकिंग चार्ज ₹29, प्लेटफॉर्म शुल्क ₹6, डिलीवरी पार्टनर शुल्क ₹46, अतिरिक्त डिस्काउंट 94 पैसे, टैक्स 2.58 रुपए शामिल थे.

हिसाब करने उपभोक्ता पहुंचा कोर्ट

इस बिल को देखने के बाद पीड़ित उपभोक्ता को यह उचित नहीं लगा और उसने अधिवक्ता तरुण अग्रवाल के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में मामला दायर किया. जिसमें  1930 के अधिनियम  का हवाला देते हुए कहा गया कि किसी भी होम डिलीवरी आइटम पर पैकिंग चार्ज नहीं लिया जा सकता. इस पर आयोग ने मामला दर्ज कर पिज्जा हट के मालिक को नोटिस जारी किया. लेकिन पिज्जा हट की ओर से आयोग में कोई भी पेश नहीं हुआ. इसके बाद कोर्ट ने कृतेश खंडेलवाल के पक्ष में फैसला सुनाया.

1 रु के बदले मिले 10 हजार रुपये 

आयोग ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बार-बार बुलाने के बाद भी पिज्जा हट मालिक के न आने पर शिकायतकर्ता से अलग से पैकिंग चार्ज वसूलना गलत है. साथ ही, 1930 के अधिनियम के तहत पीड़ित को मानसिक कष्ट भी हुआ है. इसकी भरपाई के लिए उपभोक्ता अदालत ने पिज्जा हट मालिक को 10 हजार रुपये और केस खर्च 2000 रुपये पीड़ित को देने का आदेश जारी किया.

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