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This Article is From Sep 03, 2024

Watch Video: श्री सांवलिया सेठ की दान पेटी से हुई नोटों की बारिश, हाथों से उछाल रहे नोट

Shri Sanwalia Seth Video: राजस्थान जिले के चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी सेठ का दानपात्र चतुर्दशी को खोला गया.

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Sanwaliya Seth

Shri Sanwalia Seth Video: राजस्थान जिले के चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी सेठ का दानपात्र चतुर्दशी को खोला गया. खजाना खुलने के दो दिन बाद आज यानी मंगलवार को पहले चरण में नोटों की गिनती की जा रही है. इससे पहले रविवार को खजाना खुलने के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के चलते नोटों की गिनती स्थगित कर दी गई थी. नोटों को बोरों में भरकर कड़ी सुरक्षा में रखवाया गया था.

 राजभोग की आरती के बाद भंडार गृह

इसके बाद रविवार और सोमवार को भगवान श्री सांवलिया सेठ का दो दिवसीय मासिक मेले का आयोजन किया गया. इसमें मंदिर मंडल के प्रशासनिक सीईओ, मंदिर मंडल के अध्यक्ष व सदस्यों की मौजूदगी में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पर भगवान श्रीसांवलिया सेठ की राजभोग की आरती के बाद भंडार खोला गया. लेकिन चतुर्दशी को ठाकुरजी के दर्शन के लिए ज्यादा श्रृद्धालुओं के पहुंचने से मंदिर मंडल के जरिए भंडार से प्राप्त राशि की गणना को रोक दिया गया था. 

चार-पांच चरणों में गिनती होती है पूरी

श्री सांवलिया सेठ के खोले गए दानपात्र से निकलने वाली राशि की चार-पांच चरणों में गिनती पूरी  की जाती हैं. इसके चलते मंदिर परिसर में सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच नोटों की गिनती जारी हैं. जिसपर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही हैं. वहीं पिछले माह खोले गए भंडार से 18 करोड़ 11 लाख से अधिक की राशि निकली थी. इसके अलावा बड़ी मात्रा में सोना-चांदी भी प्राप्त हुआ था. भंडार से निकली राशि का उपयोग मंदिर के विकास समेत श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर भी खर्च किया जाता हैं.

अमावस्या को हुआ ब्रह्मभोज का आयोजन

 वर्षों पुरानी परम्परा के अनुसार हर माह अमावस्या को भगवान श्री सांवलिया सेठ के दरबार में ब्रह्मभोज का आयोजन किया जाता है. इसी क्रम में सोमवार को अमावस्या के पर्व पर स्थानीय देवकी सदन धर्मशाला परिसर में ब्रह्मभोज महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रृद्धालु पहुंचकर ठाकुरजी का महाप्रसाद ग्रहण किया।

 जल झूलनी एकादशी मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर

जल झूलनी एकादशी पर यहां कई धार्मिक आयोजन होंगे. 13 से 15 सितंबर तक तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन होगा. इस दौरान अलग-अलग रंगमंच पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. शोभायात्रा का भी आयोजन होगा.

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