School Bus Yellow: पीले रंग की बसें सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई दूसरे देशों में भी हैं. लेकिन इन स्कूल बस या वैन में का कलर पीले रंग का ही क्यों होता है. क्या आपने कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है? आखिर इन बसों को पीले रंग से ही क्यों रंगा जाता है? बहुत कम लोग इसके पीछे की वजह जानते होंगे. तो आइए जानते हैं इसके पीछे की असली वजह...
इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
सुरक्षा (Security): किसी भी अन्य रंग से ज़्यादा पीला रंग सबसे ज़्यादा ध्यान खींचने वाला माना जाता है. यह दिन की रोशनी के साथ-साथ कोहरे में भी आसानी से दिखाई देता है. इसकी वजह से सड़क पर दूसरे ड्राइवर, पैदल यात्री और साइकिल सवार, स्कूल बसों को जल्दी देख पाते हैं, जिससे दुर्घटना का ख़तरा कम हो जाता है.
लाल रंग (Red Colour)से दूरी क्यों : विभिन्न प्रकाश के कारकों में से, लाल रंग की वेवलेंथ सबसे लंबी होती है (लगभग 650 एनएम). यह नीले रंग की तरह बिखरता नहीं है. इसलिए इसका उपयोग खतरे और रुकने के संकेत देने के लिए किया जाता है क्योंकि इसे दूर से देखा जा सकता है. वहीं पीला रंग लाल रंग से नीचे होता है और इसकी वेवलेंथ लाल रंग से कम लेकिन नीले रंग से अधिक होती है, इसे VIBGYOR से समझा जा सकता है।
मानक: कई देशों में, स्कूल बसों के लिए पीले रंग का इस्तेमाल जरूरी है. यह सुनिश्चित करता है कि सभी स्कूल बसें एक समान दिखें और उन्हें आसानी से पहचाना जा सके.
मनोविज्ञान: अध्ययनों से पता चला है कि पीला रंग सकारात्मक भावनाओं से जुड़ा है, जैसे खुशी और उत्साह. यह बच्चों को स्कूल जाने के लिए उत्साहित कर सकता है और उन्हें स्कूल बस में सुरक्षित महसूस करा सकता .
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश: स्कूल बस के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश जारी किए है जिसके अनुसार स्कूल कैब का रंग हाईवे पीले रंग का होगा. वाहन के चारों ओर बीच में 150 मिमी चौड़ाई की हरे रंग की क्षैतिज पट्टी होगी तथा वाहन के चारों तरफ 'स्कूल कैब' साफ लिखा होना चाहिए.