Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में 21 जून यानी आज दोपहर इस साल की बड़ी खगोलीय घटना घटित होगी, जिसका खगोलीय विषय के जानकारों और ज्योतिषों को बेसब्री से इंतजार है. इस दिन दोपहर 12:33 बजे वर्ष में किसी भी तरफ से की सूरज से बनने वाली परछाई सबसे छोटे आकार की होगी. राजस्थान में यह सिर्फ बांसवाड़ा और डूंगरपुर के ही कुछ क्षेत्र में ही नजर आएगा. 21 जून को 13 घंटे 36 मिनट का दिन तथा 10 घंटे 24 मिनट की रात होगी. ऐसा अवसर वर्ष में एक ही दिन 21 जून को आता है. पृथ्वी का अपने अक्ष पर साढ़े 23 डिग्री झुकाव होने के कारण उत्तर में कर्क रेखा तथा दक्षिण में मकर रेखा तक शून्य छाया दिवस बनता है. मकर रेखा पर यही स्थिति 21 दिसम्बर को बनती है, जब यहां शून्य छाया दिवस बनता है.
यहां दिखेगा असर
इस घटना का असर बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा, आनंदपुरी, बागीदौरा, कलिंजरा, कुशलगढ़ तथा डूंगरपुर के चिखली, डूंगर भीत तथा गुजरात सीमा तक के ग्रामीण क्षेत्रों में दिखेगा. ज्योतिषीय जानकार भरत कुमार खंडेलवाल बताते हैं कि 21 जून को कर्क रेखा पर शून्य छाया दिवस रहेगा, अर्थात दोपहर 12:33 बजे प्रत्येक वस्तु की छाया शून्य हो जाएगी. ऐसा अद्भुत नजारा कर्क रेखा पर स्थित इलाकों में वर्ष में एक ही दिन देखा जा सकता है. कर्क रेखा से उत्तर में इस दिन ही सबसे छोटी परछाई होती हैं. राजस्थान के दक्षिणी जिले बांसवाड़ा में 10 जून से 21 जून तक तथा 21 जून से 3 जुलाई तक बढ़ते-घटते क्रम में शून्य छाया दिवस जिले में देखा जा सकता है. बांसवाड़ा के शहरी क्षेत्र में यह घटना घटित नहीं होगा, क्योंकि कर्क रेखा शहर से 7 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर से गुजरती है.
दक्षिण भारत में होते हैं दो-दो शून्य छाया दिवस
कर्क रेखा से दक्षिण की ओर गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा एवं समस्त दक्षिण भारतीय राज्यों के प्रत्येक शहर में वर्ष में दो दिन शून्य छाया दिवस देखा जा सकता है. भारत के नक्शे में कुछ नगरों के शून्य छाया दिवस दर्शाए भी गए हैं. पृथ्वी का अपने अक्ष पर साढ़े 23 डिग्री का झुकाव होने से उत्तर में कर्क रेखा तथा दक्षिण में मकर रेखा तक सूरज धरती के एक सीध में होता है. मकर रेखा पर यही स्थिति 21 दिसम्बर को बनती है, जब वहां शून्य छाया दिवस बनता है.