नया भारत, जिसने "स्व" के उद्गार को बुलंद करते हुए अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ समृद्धि की ऊंचाईयों को छूने का संकल्प किया है, अब नारीशक्ति के पुनरुत्थान की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में सशक्त एवं सामर्थ्यशाली नारी की अहम भूमिका का प्रत्यक्ष रूपांतरण विभिन्न मोर्चों पर महिलाओं के प्रतिभा प्रदर्शन में स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है. वर्ष 2023 समृद्ध एवं सामरिक समानता का भव्य मानचित्र उकेरने में समर्थ रहा और 2024 इस भव्यता को भारत की विकास यात्रा की आधारशिला के रूप में परिलक्षित करता है. यह वर्ष अमृत काल के शुभारंभ में नारी शक्ति वंदन में किये गये प्रयासों के सफल परिणामों का साक्ष्य है. यह विकसित भारत के चौथे स्तंभ 'नारी शक्ति' के पुनरुत्थान का शंखनाद है.
अपने कार्यकाल में सकारात्मक योजनाओं के माध्यम से मोदी सरकार ने भारतीय नारी का सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक उत्थान सुनिश्चित कर सशक्त बनाने का समर्थन किया है. उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास हो, उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में हुई 28 प्रतिशत की वृद्धि हो या विश्व में सर्वाधिक 43 प्रतिशत एसटीईएम पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन एसटीईएम पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है.
मोदी सरकार की नारी शक्ति को समर्पित नीतियों ने दशकों से चल रहीं महिला-सशक्तिकरण की कपोलकल्पित चर्चाओं से कहीं अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला लेकर उनका अधिकार एवं सम्मान दिलाया है. सदियों से धूल फांकती फाइलों से निकालकर, पूरजोर विरोध के बावजूद, नयी संसद के पहले सत्र का शुभारंभ नारी शक्ति वंदन अधिनियम से 33 प्रतिशत आरक्षण के अधिकार का गरिमापूर्ण फैसला लेकर किया. कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का अदम्य साहस और शौर्य साक्ष्य है कि भारत की नारी प्रत्येक मोर्चे पर प्रतिभा के नये सोपान चढ़ रही है.
महिलाओं की नेतृत्व वाली सरकार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मार्गदर्शन में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अंतरिम बजट से, हम आज एक नए युग में नारी शक्ति के साक्षात्कार की शुरुआत कर रहे हैं. यह अंतरिम बजट आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान की त्रिविधि से समृद्धि की राह पर अग्रसर नारी शक्ति का पोषण करता है. 2024 के बजट में नारी शक्ति को समर्पित कई योजनाएं शामिल हैं जो नारीशक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास कर रही हैं.
महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण और स्वावलंबी बनाने के लिये योजनाएं, विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए बजट की अधिक राशि, और महिला उद्यमियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने में सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है. पिछले दस वर्षों में अब तक एक करोड़ लखपति दीदियां बन चुकी हैं. 9 करोड़ महिलाएं, 83 लाख हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हुई हैं.
इसी क्रम में महिला उद्यमिता को सशक्त व सक्षम बनाने के उद्देश्य से लखपति दीदी का लक्ष्य बढ़ाकर 2 करोड़ से 3 करोड़ किया गया है. महिलाओं के लिए सामाजिक न्याय और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रयास किए गए है.
माताओं एवं उनके शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल में व्यापक कार्यक्रम के तहत मोदी सरकार ने न केवल बेहतर पोषण वितरण का ध्यान रखा है, बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और विकास के लिए सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन में भी तेजी से कदम बढ़ाया जा रहा है. पोषण 2.0 के तहत एक नया योजनात्मक उपाय अपनाकर सरकार ने शिशुओं को उनके पहले 1000 दिनों में सबसे आवश्यक पोषण की पूर्ति करने के लिए प्रयास किया है.
टीकाकरण के प्रबंधन और गहनता के लिए नए डिजाइन किए गए यू-विन प्लेटफॉर्म की उपयोग वैक्सीनेशन प्रक्रिया को व्यापक, सुरक्षित और प्रभावी बनाए रखने में मददगार साबित होगा. मिशन इंद्रधनुष के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने विभिन्न राज्यों में टीकाकरण की वृद्धि के लिए मिशन को विस्तारित किया है. यह महिलाओ और बच्चों को आसानी से उपयुक्त टीके प्राप्त करने का अवसर और रोगों से बचाव में मदद के साथ समृद्ध भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति है. हमारे प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता का परिणाम स्वरूप ये नीतियाँ न सिर्फ भारत के वर्तमान को सुदृढ करती हैं बल्कि भविष्य को भी बलशाली एवं सुरक्षित बनाती हैं.
यह वर्ष अमृत काल के आरंभ में नारीशक्ति के पुनरुत्थान में मील का पत्थर साबित होगा जो समाज में सामरिक समानता के साथ नारीशक्ति के शौर्य, सामर्थ्य, त्वरित निर्णायक क्षमता और संकल्प की शक्ति को संबल प्रदान करेगा. यह युगपरिवर्तन का काल है जहां मोदी सरकार की महिलाओ के सार्वभौमिक विकास की नीतियां नारिशक्ति के लिये वह सूर्योदय है जो विकसित भारत के निर्माण में नारीशक्ति के अद्भुत कीर्तिमान के लिए नये द्वार खोल कर अप्रतिम योगदान सुनिश्चित करेंगी.
(स्पष्टीकरण- लेखिका जयपुर ग्रेटर की मेयर है और यह इनके निजी विचार हैं)