
Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने नगर निकाय चुनावों (Civic Body Elections) से पहले जयपुर ग्रेटर नगर निगम (Nagar Nigam Greater Jaipur) और जयपुर नगर निगम हेरिटेज (Nagar Nigam Jaipur Heritage) को विलय (Merge) करने का फैसला किया है. स्वायत्त शासन विभाग ने गुरुवार को एक आधिकारिक आदेश जारी करते हुए कहा है कि भविष्य में केवल एक यूनिफाइड जयपुर नगर निगम (Jaipur Nagar Nigam) होगा.
कार्यकाल पूरा होने के बाद विलय प्रभावी
स्वायत्त शासन विभाग के डायरेक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि जयपुर को मूल रूप से 2019 में हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में बांटा गया था. राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 3, 5, 6 और 10 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने ग्रेटर नगर निगम और नगर निगम हेरिटेज का विलय कर दिया है. हालांकि, विलय दोनों निगमों के वर्तमान कार्यकाल के पूरा होने के बाद ही प्रभावी होगा.
250 से घटाकर बनाए जाएंगे सिर्फ 150 वार्ड
जयपुर नगर निगम की स्थापना 1994 में जयपुर नगर परिषद से अलग होकर की गई थी. पिछले कुछ वर्षों में, जनसंख्या बढ़ने के कारण वार्डों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन निगम की सीमाएं अपरिवर्तित रहीं. 1994 में 70 वार्ड बनाए गए थे, जबकि 2004 में उन्हें बढ़ाकर 77 वार्ड कर दिया गया और 2014 में उन्हें और बढ़ाकर 91 वार्ड कर दिया गया. विलय के साथ, मौजूदा 250 वार्डों को 150 नए वार्डों में रिऑर्गेनाइज्ड किया जाएगा.
जयपुर नगर निगम के क्षेत्र में आएंगे 78 गांव
इन नई सीमाओं को परिभाषित करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, और लोग 17 अप्रैल तक अपनी आपत्तियां और सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं. इससे पहले 2019 में, पिछली कांग्रेस सरकार ने वार्डों की संख्या 91 से बढ़ाकर 250 कर दी थी. अब, वर्तमान भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार तीन से चार वार्डों को मिलाकर एक वार्ड बनाने की योजना बना रही है, जिससे प्रति वार्ड जनसंख्या 9,000-13,000 से बढ़कर 20,000-30,000 हो जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, 78 गांव अब जयपुर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आएंगे.
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