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Dev Dham Jodhpuriya: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान का ये मंदिर

टोंक जिले के जोधपुरिया गांव में माशी नदी के तट पर स्थित गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायण का 350 साल पुराना मंदिर आस्था और चमत्कार का केंद्र माना जाता है. यह मंदिर माशी नदी के तट पर बसा हुआ है. वहीं मंदिर में जलती अखंड ज्योति और घी के भंडार ओर नेत्र ज्योति बढ़ने की मान्यता को लेकर भक्तो की जिज्ञासा हमेशा बनी रहती है. यहां साल में दो लक्खी मेलो का आयोजन होता है. सभी धर्मो के मानने वाले भक्त यहां पंहुचते हैं. (रविश टेलर)

January 30, 2024, 15:37
  • Dev Dham Jodhpuriya: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान का ये मंदिर
    ऐसी मान्यता है कि भगवान देवनारायण जी एक गुर्जर के घर पैदा हुए थे, जो की एक वीर योद्धा थे और उनके माता पिता का नाम सवाई भोज बगरवाट और साधु माता गुर्जरी के रूप में जाना जाता है. जिन्होंने अपने पुत्र का नाम देवनारायण रखा था और उनका जन्म विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार 968 में हुआ था.
  • Dev Dham Jodhpuriya: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान का ये मंदिर
    यह मंदिर इन दिनों जयपुर की मेयर सौम्या गुर्जर और उनके परिवार द्दारा 101 किलो चांदी और 31 लाख की राशि चढ़ावे में दिए जाने के कारण चर्चा में है. जिससे इस मंदिर में अब चांदी की प्रतिमाएं बनेंगी, माशी नदी के बांध तट पर स्थित मंदिर धार्मिक पर्यटन की भी अपार संभावनाएं रखता है.
  • Dev Dham Jodhpuriya: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान का ये मंदिर
    गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायण का यह मंदिर देव धाम जोधपुरिया भगवान विष्णु को समर्पित है और यहां भगवान देवनारायण की मूर्ति भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजी जाती है.
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    मंदिर में मूर्तियां और श्री सवाई भोज गुर्जर, तारादी पंवार, भूना जी और मेहंदु जी के स्मारक हैं. मंदिर में विशेष रूप से शुक्रवार को भक्तों की भीड़ दिखाई देती है, क्योंकि इस दिन भक्त पूरी रात जागरण करते है. वहीं मंदिर में साल के 365 दिन भंडारे का आयोजन चलता है. देशभर से आने वाले भक्त अपनी अपनी मन्नते पूरी होने पर यहां पंहुचकर अपनी ओर से सवामणी का भोग लगाते हैं.
  • Dev Dham Jodhpuriya: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान का ये मंदिर
    भगवन देवनारायण जी के इस मंदिर में आरती प्रतिदिन तीन बार, सुबह 4 बजे, सुबह 11 बजे और शाम 7 बजे होती है. शुक्रवार वह दिन है जब दूर-दूर के गांवों और शहरों से भक्त मंदिर में दर्शन करने आते हैं.
  • Dev Dham Jodhpuriya: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान का ये मंदिर
    भगवान देवनारायण मंदिर में गुर्जर समाज के साथ ही अन्य समाजों के लोग भी आते हैं. वह भाद्रपद की शुक्ल षष्ठी तक तीन दिवसीय विशाल लक्खी मेला भरता है, क्यों की भाद्रपद शुक्ल षष्ठी को भगवान देवनारायण के घोड़े लीलाधर का जन्म हुआ था. लक्खी मेले में मंदिर के भोपा जी द्दारा नाचते हुए कांसे की थाली पर कमल का फूल बनाना आकर्षण का केंद्र होता है.
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    इस दिन भोपा कांसे की थाली में कमल का फूल बनाता है. जैसे ही कमल का फूल कांसे की ताली में बनता है और श्रद्धालु उसमें देवनारायण के दर्शन करते हैं तो पूरा मंदिर परिसर भगवान देवनारायण के जयकारों से गूंज उठता है. यही मेले का सबसे आकर्षण का केंद्र होता है.
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