
Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले की एक साधारण परिवार की बेटी ने अपने असाधारण हुनर से इतिहास रच दिया है. ग्राम पंचायत भुरटिया की रहने वाली सुशीला खोथ का चयन भारतीय अंडर-18 रग्बी टीम में हुआ है. वे चीन में होने वाले एशिया कप 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. यह उपलब्धि न केवल उनके गांव और परिवार के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान और देश के लिए गर्व का विषय है. सुशीला ने यह साबित कर दिया है कि अगर किसी के अंदर जुनून और कड़ी मेहनत करने का जज्बा हो, तो छोटे से गांव से निकलकर भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं.
बाड़मेर से चीन तक का सफर
सुशीला के पिता गुणेश कुमार खोथ हैं, जिन्होंने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने में हर कदम पर उसका साथ दिया. सुशीला की सफलता की कहानी संघर्ष और समर्पण की मिसाल है. उन्होंने एक ऐसे खेल में अपनी पहचान बनाई है, जो राजस्थान जैसे राज्य में बहुत लोकप्रिय नहीं है. सुशीला का चयन 12 सितंबर 2025 से चीन में शुरू होने वाले एशिया कप अंडर-18 के लिए किया गया है. यह टूर्नामेंट उन्हें न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा, बल्कि भारत को रग्बी के क्षेत्र में एक मजबूत पहचान दिलाने में भी मदद करेगा.
जनप्रतिनिधियों ने दी बधाई
सुशीला की इस शानदार उपलब्धि पर बायतू विधायक हरीश चौधरी और बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बधाई दी है. इन नेताओं ने सुशीला के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि उनकी सफलता बाड़मेर और राजस्थान की सभी बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी. सुशीला की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो यह मानते हैं कि उनके पास संसाधन नहीं हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर आपमें टैलेंट है, तो कोई भी मुश्किल आपके सपनों को साकार करने से नहीं रोक सकती.
रग्बी क्या है?
रग्बी एक टीम खेल है, जो फुटबॉल से मिलता-जुलता है. इसमें खिलाड़ी एक-दूसरे से भिड़ते हैं और गेंद को गोल तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं. यह एक बेहद शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौती भरा खेल है, जिसमें बहुत ज्यादा ताकत, फुर्ती और टीम वर्क की जरूरत होती है. भारत में यह खेल अभी भी अपनी पहचान बना रहा है, लेकिन सुशीला जैसे खिलाड़ी इसे लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. सुशीला खोथ की सफलता भारत में महिला रग्बी को बढ़ावा देने में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है. उनकी इस उपलब्धि से और भी लड़कियां इस खेल को करियर के तौर पर अपनाने के लिए प्रेरित होंगी.
ये भी पढ़ें:- पीहू की जिंदादिली आप भी जान लें... आपके भी आंख में आ जाएंगे आंसू, केक काट कर दुनिया को कहा अलविदा
यह VIDEO भी देखें