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संसद में उठा हनुमानगढ़ के एथेनॉल फैक्टरी का मुद्दा, कुलदीप इंदौरा ने कहा- किसानों पर हो रही दमनकारी कार्रवाई

संसद में भी एथेनॉल फैक्टरी का मुद्दा गुरुवार को उठाया गया. सांसद कुलदीप इंदौरा ने हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र में लग रही एथेनॉल फैक्टरी का मुद्दा आज लोकसभा में जोरदार तरीके से उठाया. 

संसद में उठा हनुमानगढ़ के एथेनॉल फैक्टरी का मुद्दा, कुलदीप इंदौरा ने कहा- किसानों पर हो रही दमनकारी कार्रवाई

Hanumangarh Ethanol factory: राजस्थान के हनुमानगढ़ में टिब्बी क्षेत्र में एथेनॉल फैक्टरी का काम रोकने लिए किसान जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं. जहां बीते 10 दिसंबर को किसानों के प्रदर्शन के बीच हिंसा भड़क गई. वहीं पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया. बताया जा रहा है कि किसान डेढ़ साल से इसका विरोध कर रहे थे. लेकिन 10 दिसंबर को मामला काफी उग्र हो गया. क्षेत्र में गुरुवार (11 दिसंबर) को भी तनाव बना रहा. इस बीच संसद में भी एथेनॉल फैक्टरी का मुद्दा गुरुवार को उठाया गया. सांसद कुलदीप इंदौरा ने हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र में लग रही एथेनॉल फैक्टरी का मुद्दा आज लोकसभा में जोरदार तरीके से उठाया. 

उन्होंने कहा कि किसान लंबे समय से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं, लेकिन उनकी चिंताओं को अनसुना कर दमनकारी कार्रवाई की जा रही है. इंदौरा ने 10 दिसंबर को संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया पर हुए लाठीचार्ज का उल्लेख करते हुए इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

परियोजना के बताए नुकसान 

सांसद ने कहा कि जिस प्लांट को एशिया का सबसे बड़ा इथेनॉल प्रोजेक्ट बताया जा रहा है, उसके पर्यावरणीय प्रभाव अत्यंत गंभीर हैं—40 मेगावाट पावर प्लांट, प्रतिदिन 55 टन TWGA उत्पादन, 225 टन CO₂ उत्सर्जन, 2400 क्विंटल राख और 60 लाख लीटर भूजल दोहन. यह पूरा इलाका राइस बेल्ट है तथा कृषि पूरी तरह भूजल पर निर्भर है, ऐसे में भूमि, जलस्तर और किसानों की आजीविका पर बड़ा संकट उत्पन्न होगा. उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना को बी-2 श्रेणी में रखकर जन-सुनवाई से छूट देना गंभीर सवाल खड़े करता है, क्योंकि प्लांट स्कूलों और कृषि भूमि के ठीक निकट है.

इस परियोजना को रोकने की मांग

सांसद इंदौरा ने सदन में स्पष्ट मांग की कि जब तक किसानों की सभी आपत्तियां नहीं सुनी जाती और उनकी सहमति नहीं ली जाती, तब तक इस परियोजना को तत्काल रोका जाए. उन्होंने कहा कि “विकास जनता की सहमति से होता है, दमन से नहीं- किसानों की आवाज़ सुनना लोकतंत्र का मूल आधार है.”

बता दें, हनुमानगढ़ किसान आंदोलन में जहां कांग्रेस ने किसानों के साथ खड़े होने का फैसला किया है. वहीं बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर ही हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेताओं ने कहा कि यह जानबूझकर सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को खराब करने के लिए किया गया है. जिससे इनवेस्टर के बीच छवि खराब हो.

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