
Sikar News: राजस्थान के सीकर जिले के छोटे से गांव चक की रहने वाली सीआईएसएफ की उपनिरीक्षक गीता सामोता ने 19 मई को 8849 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा लहराकर इतिहास रच दिया है. आपको बता दे कि गीता सामोता केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की पहली ऐसी महिला है जिसे दुनिया की छत को पता किया है.
शेखावाटी के सीकर जिले की बहादुर बेटी गीता सामोता की यह उपलब्धि उनकी व्यक्तिगत जीत के साथ-साथ महिलाओं के साहस और दृढ़ता का प्रतीक है, जो वर्तमान समय में लैंगिक रूढ़ियों को तोड़कर नई मिसाल कायम करती हैं. गीता सामोता की माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने की उपलब्धि के बाद अब सीआईएसएफ महानिदेशक सहित अधिकारियों ने गीता को बधाई देते हुए 2026 में माउंट एवरेस्ट के लिए समर्पित पर्वतारोहण दल भेजने की भी योजना बनाई है.
गांव में ही पढ़ाई, छुआ आसमान
आपको बता दें कि गीता सामोता राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव की रहने वाली हैं. साधारण परिवार में जन्मी गीता ने चार बहनों के बीच पारंपरिक ग्रामीण परिवेश में ही अपना बचपन बिताया था. स्कूल और कॉलेज की शिक्षा भी गांव से ही पूरी की है. गीता सामोता को बचपन से ही लड़कों की उपलब्धियों के किस्से सुनने को मिलते थे, लेकिन उन्हें यह बात खलती थी कि लड़कियों की सफलताओं के किस्से क्यों नहीं होते. यह सोच उनके मन में एक बदलाव की चाह पैदा करती रही.
राजस्थान की बेटी एवं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की अधिकारी गीता सामोता जी द्वारा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) May 21, 2025
उन्होंने न केवल सीआईएसएफ की पहली महिला अधिकारी के रूप में विश्व के सर्वोच्च शिखर पर भारतीय ध्वज फहराकर इतिहास रचा,… pic.twitter.com/d9cItm6sh0
2011 में सीआईएसएफ में शामिल हुईं
गीता विद्यार्थी जीवन से ही हॉकी में एक होनहार खिलाड़ी रही हैं. हालांकि, एक चोट लगने के कारण उन्हें खेल से दूर होना पड़ा, लेकिन गीता के हौसले ने उन्हें पर्वतारोहण की ओर मोड़ दिया. 2011 में सीआईएसएफ में शामिल होने के बाद उन्होंने पर्वतारोहण को अपना जुनून बना लिया और लगातार अभ्यास करते हुए अब तक पांच बार माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल कर चुकी हैं.
इसके अलावा भी उन्होंने कई पर्वतारोहण अभियानों में अपनी भागीदारी निभाई है. यह साबित करता है कि गीता की मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक अलग पहचान दी है.
केवल मेहनत और जुनून शिखर तक ले जाता है
सीआईएसएफ की उप निरीक्षक गीता सामोता ने अब 19 मई को 8,849 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर जो इतिहास रचा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. गीता सामोता का कहना है कि पहाड़ लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करते, केवल मेहनत और जुनून शिखर तक ले जाता है. उनकी इस उपलब्धि से देश की युवा लड़कियों को भी प्रेरणा का संदेश मिलेगा. गीता ने बताया कि बड़े सपने देखो, मेहनत करो, हार मत मानो, अगर कुछ करने का जज्बा है तो सफलता निश्चित मिलती है.
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