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पूरी दुनिया में मिशाल बनीं राजस्थान के इस बेटी की कहानी, विश्व की 100 प्रभावी महिलाओं में बना चुकी हैं जगह

बाल विवाह निरस्त करवाने की साहसिक मुहिम से डॉ.कृति भारती को विश्व में एक अलग पहचान मिली. NDTV से महिला दिवस पर साझा किया अपने संघर्ष की कहानी!

पूरी दुनिया में मिशाल बनीं राजस्थान के इस बेटी की कहानी, विश्व की 100 प्रभावी महिलाओं में बना चुकी हैं जगह
डॉ. कृति भारती की तस्वीर

Rajasthan News: विश्व भर में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. विशेष रूप से इस दिन महिलाओं के सामाजिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक-आर्थिक और इन सबसे जुड़ी क्षेत्रों में तमाम उपलब्धियां के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. वहीं राजस्थान की न्यायिक राजधानी कहे जाने वाले जोधपुर में एक ऐसी महिला शख्सियत हैं, जो महिला सशक्तिकरण के लिए न सिर्फ देश-प्रदेश बल्कि विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान रखती है. जोधपुर की बेटी डॉक्टर कृति भारती विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं में भी शामिल रही हैं. वही देश में पहला बाल विवाह निरस्त करवाने का श्रेय भी डॉ. कीर्ति भारती को ही जाता है. 

अब तक करीब 50 से अधिक बाल विवाह निरस्त करवाने के साथ ही 2 हजार से अधिक बाल विवाह रुकवाने और 21 हजार से अधिक महिलाओं के पुनर्वास का भी कार्य डॉ. कृति ने किया है. अपने इस संघर्ष भरे जीवन में महिलाओं और बालिकाओं के उत्थान के लिए जोधपुर की डॉ. कीर्ति भारती को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है. 

पीड़ित से बनीं पीड़िताओं की मसीहा

जहां छोटी उम्र में इनके पिता ने उनकी मां और उनका परित्याग कर दिया था. चौथी कक्षा में अध्ययन के दौरान डॉ. कीर्ति को धीमा जहर भी दिया गया. जिससे वह हाथ और पैर से लाचार हो गई थी. कई अस्पतालों में उनका उपचार भी करवाया गया, लेकिन सब बेअसर रहा. उसके बाद भीलवाड़ा में स्थित गुरु ब्रह्मानंद की रेकी से आयुर्वेदिक और थेरेपी पद्धती लेकर वह स्वस्थ हुईं. 

12 वर्ष की उम्र के बाद फिर एक बार दो वर्ष के बच्चे की तरह फिर से चलना सीखा और उसके बाद भी उनके जीवन में कई संघर्ष भरी घटनाएं हुईं. वर्तमान में 360 डिग्री तक अपनी जिंदगी को बदलकर एक अनूठी मिसाइल के रूप में उभरी हैं. जहां डॉ. कीर्ति भारती अपने बाल्यकाल में खुद पीड़ित थी लेकिन अब वर्तमान में कहीं पीड़िताओ के लिए एक मसीहा बनकर उभरी है.

बाल विवाह से दिलाई मुक्ति 

डॉ कृति बताती है कि महिला दिवस सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि 365 दिनों तक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए. हमारा यही प्रयास रहा है कि महिलाओं और बालिकाओं को शोषण से बचाएं और उनका पुनर्वासित करें. उसका परिणाम है कि इतनी बड़ी संख्या में आज बच्चियों को बाल विवाह से मुक्ति दिलाई है.

कृति का कहना है कि कोई भी महिला यह ठान लें कि उसको अपनी स्थिति को सुधारना है, तो कुछ भी असम्भव नहीं है और मैं इसका जीता जागता उदाहरण हूं.

पूरी लगन के साथ दे रही समाज में सेवा

वर्तमान में कई डिग्रियों और उपलब्धियां को हासिल करने के साथ ही पिछले 15 वर्षों में पूरी लगन और मेहनत जुटी हैं. जिसका परिणाम है कि आज अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. देश मे अब तक 50 से अधिक बाल विवाह निरस्त करवाने, 2 हजार से ज्यादा बाल विवाह रुकवाने, 21 हजार महिलाओं को पुनर्वासित करने के साथ ही 40 हजार से अधिक लोगों को बाल विवाह नहीं करवाने की शपथ भी दिलवा चुकी है.

9 अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज

9 अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी डॉ कृति भारती के नाम दर्ज है. उनका कहना है कि जब आप किसी शोषित बच्ची या महिला के शोषण की बेड़िया तोड़ते हो और उन्हें पुनर्वासित करते हो तो शायद उससे बड़ा अवार्ड आपको कभी नहीं मिल सकता.

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