
Rajasthan News: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की साल 2023 की रिपोर्ट ने राजस्थान को लेकर एक भयावह तस्वीर पेश की है. आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश महिलाओं और बच्चियों के लिए असुरक्षित होता जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में 2023 में कुल 36116 महिलाएं और लड़कियां लापता हुईं, यानी हर दिन औसतन 99 और हर घंटे 3 से ज्यादा. यह संकट तब और गहरा हो जाता है जब हम पिछले सालों के अनसुलझे मामलों को इसमें जोड़ते हैं.
पिछले सालों की 23364 लापता महिलाओं को मिलाकर यह आंकड़ा 59480 तक पहुंच जाता है. चिंता की बात यह है कि पुलिस और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद रिकवरी दर बेहद निराशाजनक है.

Photo Credit: NCRB
आधी महिलाएं कभी नहीं लौटतीं घर
एनसीआरबी के आंकड़ों का सबसे चिंताजनक पहलू रिकवरी दर है. साल 2023 में कुल लापता महिलाओं (पुराने और नए मामले मिलाकर) में से केवल 31703 को ही ढूंढा जा सका. इसका मतलब है कि रिकवरी दर सिर्फ 53.3% रही. आज भी 27777 महिलाएं और लड़कियां लापता हैं, जिनका कोई सुराग नहीं है. यह आंकड़ा इस आशंका को जन्म देता है कि कहीं ये महिलाएं किसी बड़ी आपराधिक साजिश या मानव तस्करी का शिकार तो नहीं हो गईं?
लड़कियों की गुमशुदगी सबसे ज्यादा
रिपोर्ट इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि लापता होने वालों में एक बड़ी संख्या नाबालिग लड़कियों की है. 2023 में 5646 लड़कियां लापता हुई हैं. जबकि इसी साल लापता हुए लड़कों की संख्या 1180 है. ये आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि लड़के-लड़कियों की गुमशुदगी में 4.5 गुना से भी ज्यादा का अंतर है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सीधे तौर पर यौन शोषण, जबरन विवाह और मानव तस्करी जैसे संगठित अपराधों की ओर इशारा करता है.
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