
Rajasthan Tirth Yatra Yojana: हाल ही में भजनलाल सरकार ने राजस्थान के बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने के लिए वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना-2025 की घोषणा की थी. जिसमें बुजुर्गों का चयन लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा. वहीं जयपुर में मंगलवार (26 अगस्त) को देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत की मौजूदगी में जिला प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल ने ऑनलाइन लॉटरी निकालकर सफल आवेदकों की घोषणा की. इसमें जयपुर जिले के 4905 वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त तीर्थ यात्रा का अवसर मिलेगा.
प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि हमारे वरिष्ठ जन अपनी जीवन यात्रा के इस पड़ाव पर धर्म, आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ सकें. तीर्थ यात्रा योजना न केवल धार्मिक स्थल दर्शनों का अवसर प्रदान करती है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के मनोबल को भी सशक्त करती है.
56 हजार वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा का अवसर
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत हवाई यात्रा एवं रेलयात्रा सहित प्रदेश के कुल 56 हजार वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा का अवसर दिया जा रहा है, जिसमें से जयपुर जिले के 4 हजार 905 वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित होंगे. इनमें से 526 यात्री हवाई मार्ग से काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की यात्रा करेंगे, जबकि 4 हजार 379 यात्री रेल मार्ग से विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करेंगे. योजना के तहत जयपुर जिले के कुल आवेदन 11 हजार 378 एवं कुल यात्री 18 हजार 423 प्राप्त हुए.
इन जगहों पर कराया जाएगा तीर्थ
उन्होंने बताया कि रेल यात्रा के लिए चयनित वरिष्ठ नागरिकों को हरिद्वार-ऋषिकेश-अयोध्या-वाराणसी-सारनाथ, सम्मेदशिखर-पावापुरी-वाराणसी-सारनाथ, मथुरा-वृंदावन-बरसाना-आगरा-अयोध्या, द्वारकापुरी-नागेश्वर-सोमनाथ, तिरुपति-पदमावति, कामाख्या- गुवाहाटी, गंगासागर-कोलकाता, जगन्नाथपुरी-कोणार्क, रामेश्वरम-मदुरई, वैष्णो देवी-अमृतसर-वाघा बोर्डर, गोवा के मंदिर एवं अन्य स्थल चर्च आदि, महाकालेश्वर-उज्जैन-ओंकारेश्वर-त्रयम्बकेश्वर-घृष्णेश्वर-ऐलोरा, बिहार शरीफ, पटनासाहिब पटनाबिहार, श्री हजुर साहिब नांदेड़ जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों का दर्शन करवाया जाएगा.
इस अवसर पर देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि राजस्थान सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों के दर्शन का अवसर देकर उनके जीवन में आध्यात्मिक संतोष और मानसिक शांति का संचार करती है. यह यात्रा ना केवल व्यक्तिगत अनुभव है बल्कि सामूहिकता, मेल-जोल और सामाजिक संबंधों को भी सुदृढ़ करती है.
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