58th DGSP/IGSP Conference, 2023: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिल्ली के 'इंडिया इंटरनेशनल सेंटर' की तर्ज पर झालाना संस्थानिक क्षेत्र में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर स्थित है. यह सेंटर कला-संस्कृति, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी व संचार सहित विभिन्न तरह की सरकारी व गैर-सरकारी गतिविधियों के लिए प्रयोग में लाया जाता है. इस सेंटर में 58वां DGSP/IGSP कांफ्रेंस 2023 का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा. जिसमें कल प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल होंगे. आज (5 जनवरी) शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, में इस कांफ्रेंस का शुभारम्भ किया.
सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है. जिसमें डीजीएसपी/आईजीएसपी और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख जयपुर से व्यक्तिगत रूप से भाग ले रहे हैं. वहीं देश भर से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग ले रहे हैं. यूएचएम (यूनियन होम मिनिस्ट्री) ने आईबी अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक भी वितरित किए. साथ ही तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों के लिए ट्रॉफियां प्रदान की गई.
इस सम्मेलन का एक अन्य प्रमुख एजेंडा नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए रोड मैप पर विचार-विमर्श करना भी है. इसके अतिरिक्त, पुलिस व्यवस्था और सुरक्षा में भविष्य के विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक जैसी नई प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर भी चर्चा होगी.
सम्मेलन ठोस कार्य बिंदुओं की पहचान करने और उनकी प्रगति की निगरानी करने का अवसर भी प्रदान करता है, जिसे प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है. यह सम्मेलन पहचान किए गए विषयों पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुलिस और खुफिया अधिकारियों के व्यापक विचार-विमर्श का निष्कर्ष है. प्रत्येक विषय के अंतर्गत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को सम्मेलन में पेश किया जाएगा, ताकि राज्य एक-दूसरे से सीख सकें।
वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री ने पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में गहरी रुचि ली है. पहले के प्रधानमंत्रियों की प्रतीकात्मक उपस्थिति के विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्मेलन के सभी प्रमुख सत्रों में उपस्थित रहते हैं. प्रधानमंत्री न केवल सभी जानकारियों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं, बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चा को भी प्रोत्साहित करते हैं, ताकि नए विचार सामने आ सकें.
इस वर्ष के सम्मेलन में नाश्ते, दोपहर और रात के भोजन पर अनौपचारिक विषय पर चर्चा की भी योजना बनाई गई है. इससे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले प्रमुख पुलिस व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर अपने विचार और सिफारिशें प्रधानमंत्री के साथ साझा करने का अवसर मिलेगा.
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 से पूरे देश में वार्षिक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सम्मेलनों के आयोजन को भी प्रोत्साहित किया है. यह सम्मेलन पूर्व में-
साल 2014 में गुवाहाटी में
2015 में कच्छ के रण-धोरडो में
2016 हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में
2017 में टेकनपुर बीएसएफ अकादमी में
2018 में केवड़िया में
2019 में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, पुणे में
2021 में लखनऊ पुलिस मुख्यालय में और साल
2023 में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में आयोजित किया गया. इस परंपरा को जारी रखते हुए सम्मेलन इस वर्ष जयपुर में आयोजित किया जा रहा है.
सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह राज्य मंत्री, कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों सहित अन्य गणमान्य लोग भाग लेंगे.
इस सम्मलेन में आज केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया. केंद्रीय गृह मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2023 में देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है और दो महत्वपूर्ण विकासों पर जोर दिया गया है. वह है नई शिक्षा नीति का निर्माण और ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह 3 नए आपराधिक कानून बनाना.
उन्होंने उल्लेख किया कि नए कानून सजा के बजाय न्याय प्रदान करने पर केंद्रित हैं. इन कानूनों के कार्यान्वयन से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी. उन्होंने नए कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए SHO से लेकर पुलिस महानिदेशक स्तर तक प्रशिक्षण और थाने से PHQ स्तर तक प्रौद्योगिकी उन्नयन की आवश्यकता पर बल दिया.
यूएचएम ने साल 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार की ओर इशारा किया था, विशेष रूप से तीन महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट जिसमें जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में हिंसा में कमी आई है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मेलन एक 'थिंक टैंक' के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है. उन्होंने देश भर में आतंकवाद विरोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल की एकरूपता पर जोर दिया है.
यूएचएम ने साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. साथ ही सम्मेलन में सीमाओं की सुरक्षा, साइबर खतरों सहित महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधी कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
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