Rajasthan Government Hospital Scam: राजस्थान में सरकारी अस्पताल में अलग-अलग तरीके के घोटाले चल रहे हैं. हाल ही में बांसवाड़ा में ऑक्सीजन घोटाले का मामला सामने आया था. वहीं अब राजस्थान के एक अस्पताल से 70 लाख के घोटाले का मामला सामने आया है. जिसमें अस्पताल के ही एक क्लर्क ने 70 लाख का घोटाला कर राजस्व की हानि पहुंचाई. इसकी जब जांच हुई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए और अब क्लर्क पर विभागीय गाज गिरी है. ये मामला अजमेर का है.
अजमेर जिले के नसीराबाद के सरकारी अस्पताल में चीफ मेडिकल ऑफिसर के दफ्तर में कार्यरत CMO के बाबू राज तिलक गर्ग ने बड़ा घपला किया है. इसका खुलासा तब हुआ जब CMO ऑफिस में चिकित्सा विभाग की ऑडिट टीम की जांच चल रही थी. शुरुआती जांच में 70 लाख रुपये के घपले का बात सामने आई. जब सीएमओ के बाबू (क्लर्क) राज तिलक गर्ग पर आरोप प्रमाणित हुआ तो स्वास्थ्य विभाग ने क्लर्क पर APO की कार्रवाई की है.
सैलरी के दस्तावेज में क्लर्क ने किया बड़ा घपला
चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक के आदेश पर टीम द्वारा बीते नवंबर महीने में लगातार 15 दिन से ज्यादा समय तक नसीराबाद के राजकीय चिकित्सालय में दस्तावेजों की ऑडिट की गई थी. जिसमें बाबू राजतिलक द्वारा तनख्वाह के कागजों में घपला करने का मामला सामने आया. लगातार सैलरी दस्तावेजों की जांच में बाबू ने करीब 70 लाख रुपए का घोटाला कर राजस्व की हानि पहुंचाई थी.
40 हजार सैलरी लेकिन उठाता था 4 लाख
नसीराबाद के राजकीय अस्पताल के चीफ मेडिकल दफ्तर में हुई ऑडिट की जांच रिपोर्ट चिकित्सा निदेशक, उपनिदेशक और FA को दे दी गई . जिस पर आरोप प्रमाणित पाए जाने के बाद बड़ी कार्रवाई कर 4 दिसंबर को बाबू राज तिलक गर्ग को एपीओ कर दिया गया. वहीं जांच में खुलासा हुआ है कि सीएमओ के बाबू राज तिलक गर्ग की सैलरी मात्र 40 हजार ही थी. लेकिन वह अपनी सैलरी बिल बढ़ा कर कभी 2.5 लाख तो कभी 4 लाख वेतन उठा रहा था.
एपीओ हुए क्लर्क से की गई 70 लाख रिकवरी
पीएमओ विक्रम कपूर के अनुसार जैसे ही बाबू राजतिलक को अपने खिलाफ कार्रवाई होने का एहसास हुआ. उसने घपले किये हुए 70 लाख रुपये की राशि सरकारी अस्पताल के खाते में जमा करवा दिए. फिलहाल APO हुए बाबू का मुख्यालय अजमेर में रखा गया है.
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