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8 बीघे में फैला आनंदपाल सिंह का 'टॉर्चर हाउस', जहां बंधकों को दी जाती थी यातनाएं, अब बनेगा शिक्षा का मंदिर

Anandpal Singh Torture House: राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की कहानी पूरे देश में चर्चित है. आज हम आपको आनंदपाल के उस टॉर्चर हाउस की कहानी बताने जा रहे है, जहां बंधकों को तहखाने में रखकर तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थी.

8 बीघे में फैला आनंदपाल सिंह का 'टॉर्चर हाउस', जहां बंधकों को दी जाती थी यातनाएं, अब बनेगा शिक्षा का मंदिर
Anandpal Singh Torture House: कहानी आनंदपाल सिंह के टॉर्चर हाउस की.

Anandpal Singh Torture House: ऊपर तस्वीर में जो दो मंजिला भवन आपको दिख रहा है, वो सालों तक आतंक का पर्याय माना जाता था. यह मकान राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का है.  डीडवाना में लाडनू से 3 किलोमीटर दूर स्थित यह मकान सालों तक आनंदपाल के आंतक का गवाह रही है. इस फार्म हाउस को आनंदपाल सिंह ने इसलिए बनवाया था, ताकि पुलिस से बचने के लिए वह यहां आकर सुरक्षित रहकर समय गुजार सके. बाद में इस फार्म हाउस में उन लोगों को लाया जाने लगा, जिसे आनंदपाल गैंग किडनैप किया करते थे.

बंधकों को जानवर की तरह किया जाता था कैद

इस मकान में बंधकों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता था. इसके तहखाने में एक पिंजरा भी था, जिसमें बंधकों को जानवर की तरह कैद कर दिया जाता था. तहखाने का हाल काल कोठरियों जैसा था, जहां आनंदपाल सिंह के गुर्गे बंधकों को प्रताड़ना देते थे और फिर फिरौती लेकर उन्हें छोड़ते थे.

आनंदपाल ने इसे फॉर्म हाउस के रूप में बनाया था. लेकिन बाद में इसे आनंदपाल का टॉर्चर हाउस कहा जाने लगा. हालांकि अब यह बहुत जल्द यह शिक्षा का मंदिर बनेगा. 

लाडनू से तीन किलोमीटर दूर है आनंदपाल का टॉर्चर हाउस

मालूम हो कि गैंगस्टर आनंदपाल सिंह सालों तक राजस्थान में दहशत और खौफ का पर्याय था. पुलिस के लिए वह लंबे समय तक एक बड़ी चुनौती बना रहा. उसके ऐसे-ऐसे ठिकाने थे, जहां तक पुलिस का भी पहुंचना नामुमकिन था. उन्हीं ठिकानों में से आनंदपाल सिंह का लाडनू से 3 किलोमीटर दूर यह ठिकाना भी था, जिसे आनंदपाल का टॉर्चर हाउस कहा जाता है. 

दूसरी तरफ से इस तरह दिखती है आनंदपाल सिंह का टॉर्चर हाउस.

दूसरी तरफ से इस तरह दिखती है आनंदपाल सिंह का टॉर्चर हाउस.

आस-पास में गूंजती थी बंधकों की चीख

इस टॉर्चर हाउस में आनंदपाल गैंग लोगों को किडनैप कर लाता था. यहीं पर बंधकों के साथ मारपीट होती थी. स्थानीय लोग बताते हैं कि उस दौर में इस घर से बंधकों की चीखें सुनाई देती थी. लेकिन अब दौर बदल गया है, अब आनंदपाल सिंह का यह फार्म हाउस बालिका शिक्षा का केंद्र बनने जा रहा है. 

लोहे की जालियां इतनी मजबूत की गोलियों की असर ना हो

फार्म हाउस की इस इमारत में मुख्य गेट से घुसते ही सामने बड़ा हॉल है. जिसकी खिड़कियों पर भारी भरकम लोहे की जालियां लगी है. यह खिड़की इतनी मजबूत है कि इन पर गोलियों का भी कोई असर नहीं होता. इस खिड़की में दो गोल झरोखे ऐसे हैं, जहां से सीधे मुख्य दरवाजे तक नजर रखी जाती थी.

आनंदपाल सिंह के टॉर्चर हाउस में लगी लोहे की गोल खिड़की.

आनंदपाल सिंह के टॉर्चर हाउस में लगी लोहे की गोल खिड़की.

गोल खिड़की पर हमेशा शूटर रहता था तैनात

इस खिड़की पर एक शूटर हर समय तैनात रहता था, जो मुख्य दरवाजे के सामने होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखता था और जरूरत पड़ने पर फायरिंग भी कर सकता था. आनंदपाल की सुरक्षा के लिए भी इसी खिड़की और आसपास के शूटर और उसके साथी तैनात रहते थे.

आनंदपाल के फॉर्म हाउस के पास लगी कुर्क-जब्ती का सरकारी बोर्ड.

आनंदपाल के फॉर्म हाउस के पास लगा कुर्क-जब्ती का सरकारी बोर्ड.

सरेंडर करने के लिए आनंदपाल की संपत्ति हुई थी सीज

साल 2016 में डीडवाना कोर्ट में पेशी के बाद जब आनंदपाल सिंह को भारी पुलिस जाब्ते में अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल ले जाया जा रहा था, तब आनंदपाल सिंह परबतसर के पास से फरार हो गया था. उसके बाद पुलिस हरकत में आई और आनंदपाल को सरेंडर करने के लिए मजबूर करने और उसे आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए अभियान चलाया.

सरकार ने आनंदपाल के फार्म हाउस की पूरी प्रॉपर्टी को कुर्क करने के बाद यहां सरकारी कन्या महाविद्यालय का निर्माण कराया है. 

करीब 8 बीघे में फैला है आनंदपाल का फॉर्म हाउस

इसके तहत उसकी कई प्रॉपर्टी जमीनों और फार्म हाउस को सरकार ने कुर्क यानी अपने कब्जे में ले लिया. उन्हीं में से एक यह फार्म हाउस भी था, जो लगभग 8 बीघा क्षेत्र में फैला है. अब सरकार ने इस जमीन पर सरकारी कन्या महाविद्यालय की बिल्डिंग बना दी है.

आनंदपाल के टॉर्चर हाउस पर बना सरकारी कन्या महाविद्यालय.

आनंदपाल के टॉर्चर हाउस पर बना सरकारी कन्या महाविद्यालय.

4.50 करोड़ से गर्ल्स कॉलेज का निर्माण, सीएम करेंगे लोकापर्ण

इस बिल्डिंग के निर्माण पर 4.50 करोड रुपए खर्च हुए हैं. पीडब्ल्यूडी ने निर्माण कार्य पूरे होने के बाद इसे कॉलेज प्रशासन को सौंप दिया है. माना जा रहा है कि इसी महीने में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस कन्या महाविद्यालय के नए भवन का लोकार्पण करेंगे.

वर्तमान में राजकीय कन्या महाविद्यालय एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग में चल रहा है, जहां छात्राओं के लिए नाम मात्र की सुविधाएं हैं. छात्राओं के लिए ना तो बैठने के लिए पर्याप्त कमरे हैं, ना ही उन्हें बाकी सुविधाएं मिल रही है.

सरकारी कन्या महाविद्यालय का बोर्ड.

सरकारी कन्या महाविद्यालय का बोर्ड.

नए कॉलेज भवन में छात्रों को मिलेगी सभी सुविधाएं

लेकिन इस नए कॉलेज भवन के बनने के बाद कॉलेज की 251 छात्रों को न केवल नया और आधुनिक भवन मिलेगा, बल्कि कॉलेज शिक्षा से संबंधित वह सभी सुविधाएं यहां उपलब्ध होगी, जिससे छात्राएं अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी. कॉलेज की छात्राएं भी नई बिल्डिंग में जाने को उत्सुक है और कॉलेज प्रशासन ने भी नए भवन में शिफ्ट होने के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली है.

SP बोले- बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी

एसपी हनुमान प्रसाद मीणा का कहना है कि पुलिस 1 माह से इस जगह की पूरी मॉनिटरिंग कर रही है और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. यहां छात्राएं भय मुक्त होकर पढ़ाई कर सकती है. जबकि एडीजी क्राइम ब्रांच दिनेश एमएन का कहना है कि हमने नागौर एसपी व कलेक्टर की मदद से आनंदपाल की आठ प्रॉपर्टियां जब्त की थी. उन्हें में से एक पर अब बालिकाओं के लिए कॉलेज खुल रहा है.

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