Gangster Anandpal Singh: राजस्थान में दहशत का पर्याय रहे गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के भाई रूपेंद्र पाल सिंह उर्फ विक्की को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट ने रूपेंद्रपाल सिंह उर्फ विक्की को पुलिस थानाधिकारी पर फायरिंग के मामले में जमानत दे दी है. यह मामला साल 2016 का है, जो डीडवाना जिले के जसवंतगढ़ थाने में दर्ज हुआ था. इस मामले में आरोप है कि आनंदपाल सिंह और उसके साथियों ने सांवराद गांव में जसवंतगढ़ थाना अधिकारी लादू सिंह पर फायरिंग की थी, जिसमें वे घायल हो गए थे. इस मामले में आनंदपाल सिंह के भाई रूपेंद्र पाल सिंह को भी आरोपी बनाया गया था.
7 साल से जेल में बंद था रुपेंद्रपाल सिंह
इस मामले में रुपेंद्र पाल सिंह पर हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में रूपेंद्र पाल सिंह पिछले 7 सालों से जेल में बंद था. इस मामले को लेकर डीडवाना कोर्ट में कई बार जमानत की अपील लगाई गई, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी. उसके बाद रुपेंद्रपाल सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की.
50 हजार के निजी मुचलके पर मिली जमानत
जिसके तहत आज जस्टिस कुलदीप माथुर ने रुपेंद्रपाल सिंह की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए उसे जमानत देने के आदेश जारी कर दिए. हाईकोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके और 25-25 हजार रुपए की दो जमानतों पर रुपेंद्रपाल सिंह को रिहा करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में रुपेंद्रपाल की ओर से एडवोकेट चेतनसिंह मामरोली ने पैरवी की.
कई मामलों का आरोपी, रिहाई की उम्मीद कम
हालांकि रुपेंद्रपाल सिंह जेल से बाहर आएगा या नहीं? इस पर अभी संशय है, क्योंकि उस पर अनेक गंभीर अपराधों के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि पुलिस उसे जमानत मिलते ही अन्य मामलों में वापस गिरफ्तार कर लेगी. जिससे उसका जेल से बाहर आना मुश्किल नजर आ रहा है.
आनंदपाल पर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज
आपको बता दें कि रुपेंद्र पाल सिंह उर्फ विक्की गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का छोटा भाई है और उस पर भी डीडवाना, लाडनूं, जसवंतगढ़, सरदारशहर सहित विभिन्न जिलों के अनेक पुलिस थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. इन मामलों में हत्या का प्रयास, मारपीट, अपहरण, आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामले चल रहे हैं.
आनंदपाल के दाह-संस्कार में भी शामिल होने की नहीं मिली थी इजाजत
रूपेंद्र पाल सिंह 2016 से पूर्व फरार चल रहा था, लेकिन उसे 2016 में पकड़ लिया गया, जिसके बाद से लगातार लगातार हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है. यहां तक की आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद दाह संस्कार में भी उसे शामिल होने की इजाजत नहीं मिली थी.