
RPSC NEWS: अजमेर में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले एक स्टेनोग्राफर को बेनकाब किया है. आरोपी की पहचान अरुण शर्मा पुत्र गोपाल लाल निवासी डेगाना, नागौर के रूप में हुई है. वर्ष 2018 में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित स्टेनोग्राफर भर्ती परीक्षा में अरुण शर्मा ने आरक्षित श्रेणी में आवेदन करते समय फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया और चयन प्राप्त किया. उसने 24 जून 2022 को RPSC में जॉइनिंग दी थी.
दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान विकलांगता प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया. RPSC ने नियमित प्रक्रिया के तहत दोबारा मेडिकल जांच कराई, जिसमें प्रमाण पत्र फर्जी साबित हुआ. इससे स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने सरकारी नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी की थी.
RPSC अजमेर के सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई
RPSC अधिकारियों ने इस मामले में अजमेर के सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है. थाना प्रभारी शंभू सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 467 और 468 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच सिविल लाइन थाना के सब-इंस्पेक्टर गिरिराज कर रहे हैं और प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए हैं. जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड भी करेगा कार्रवाई
इससे पहले ऐसा ही मामला राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में भी सामने आया था. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी तय किया है कि तलाकशुदा महिलाओं के लिए आरक्षित कोटे के दुरुपयोग के मामलों की जांच एसओजी से कराएगा.
बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया था कि अब तक 12 ऐसी शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें महिलाओं ने केवल कागजों पर तलाक लेकर इस श्रेणी से नौकरी हासिल की और नियुक्ति के बाद दोबारा शादी कर ली. उन्होंने कहा कि जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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