
ACB Action: राजस्थान में भ्रष्ट कर्मचारियों पर नकेल कसी जा रही है. इसके तहत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) लगातार कार्रवाई कर रहा है और भ्रष्ट कर्मचारियों को रंगे हाथ पकड़ रहा है. लेकिन इसके बावजूद कर्मचारी भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त हैं. ताजा मामला विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर का है जिसने रिश्वत लेने के लिए पहले एक शख्स को धमकी दी और फिर जबरन उससे 30000 रुपये की रिश्वत की डील की. लेकिन ACB की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ ट्रैप कर लिया. अब इस मामले में जूनियर इंजीनियर से पूछताछ भी हो रही है.
यह घटना अलवर जिले की है जहां कनिष्ठ अभियंता (जूनियर इंजीनियर) तेज सिंह ने 30000 रुपये रिश्वत की डील की थी. वहीं उसके एवज में फूल सिंह नाम का एक दलाल 17000 रुपये की रिश्वत ले रहा था जो गिरफ्तार कर लिया गया है.
मंदिर में लाइट जलाने को लेकर मांगी थी रिश्वत
ACB के महानिदेशक पुलिस स्मीता श्रीवास्तव ने बताया कि एसीबी चौकी अलवर को एक शिकायत मिली कि परिवादी के घर के पास शिवजी का मंदिर है. 10 सितंबर को तेज सिंह JEN परिवादी के घर आये और उससे कहा कि तुम लोगों ने मंदिर में बिना मीटर के विद्युत का सीधा कनेक्शन कर रखा है. जेईएन तेज सिंह ने परिवादी को साईड में ले जाकर कहा की तुमने मंदिर में चोरी की लाईट लगा रखी है या तो तुम अभी 30 हजार रुपये दो अन्यथा 1 लाख रुपये की VCR भर दूंगा. मैनें जेईएन साहब से कहा कि इस कनेक्शन से हमारा कोई लेना देना नहीं है. हमने तो मंदिर में आने जाने वालों के लिए लाईट लगा रखी है.
घर के इन्वटर से मंदिर की लाईट को जोड़ रखा है. हमारे घर का तो अलग से कनेक्शन ले रखा है. परन्तु उसने मुझे धमकी दी की यदि तुम 30000 रुपये कल तक नहीं दोगे तो मैं तुम्हारी एक लाख की VCR भर दूंगा मुझे वीसीआर के डरा धमकाकर से 5000 रुपये तो जेईएन ने उसी समय ले लिया और जाते हुए कहा कल तक 25000 रुपये नहीं लाया तो VCR भर दूंगा. उक्त वीसीआर नहीं भरने के नाम पर 30000 रुपये की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है.

ट्रैप कार्रवाई में JEN का दलाल गिरफ्तार
इसके बाद एसीबी ने आरोपी को पकड़ने के लिए ट्रैप कार्रवाई की. इस दौरान आरोपी जेइएन के दलाल फूल सिंह को परिवादी से 17000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. हालांकि आरोपी तेज सिंह जेइएन कार्यवाही की भनक लगने के कारण मौके से फरार हो गया.
दलाल फूल सिंह से पूछताछ एवं कार्यवाही जारी है. एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा.
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