
Rajasthan News: राजस्थान में इन दिनों किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है. गुर्जर आंदोलन के बाद अब प्रदेश के किसान भी सरकार और प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरने के मूड में हो गए हैं.
जानें क्या है मामला?
श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ़ शाखा नहर से जुड़े किसान पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं. उनकी मांगें लगातार अनसुनी किए जाने से अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है. इस स्थिति में किसानों ने प्रशासन को 24 घंटों का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि अगर तय समय सीमा में उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू कर देंगे.
'सूखे जैसे हालात बने'
अनूपगढ़ शाखा नहर से जुड़ी केवाईडी, बीडी, केजेडी और अन्य वितरिका नहरों के किसान लंबे समय से इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि नहर के अन्तिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इससे केवल फसलों की सिंचाई ही नहीं रुक रही, बल्कि लोगों को पीने के पानी की भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. पानी की इस भारी किल्लत से क्षेत्र में सूखे जैसे हालात बन चुके हैं, जिससे किसान बहुत हताश हैं.
अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी
इसी समस्या को लेकर किसानों ने अनूपगढ़ के एसडीएम कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा. यह प्रदर्शन भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में आयोजित किया गया. ज्ञापन में किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि यदि 24 घन्टों के अन्दर अनूपगढ़ शाखा नहर के अन्तिम छोर तक पूरी मात्रा में पानी नहीं पहुंचाया गया, तो वे केवाईडी आरडी-145 स्थान पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
'जानबूझकर पानी नहीं पहुंचाया'
किसानों का आरोप है कि नहरों में जानबूझकर पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है. खाजूवाला के अधिशाषी अभियन्ता पर भी किसानों ने गम्भीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अधिकारी स्तर पर लापरवाही और पक्षपात के कारण क्षेत्र विशेष में पानी की आपूर्ति बाधित की जा रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पानी की आपूर्ति में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और मिलीभगत की आशंका है, जिसकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है.
'उठाएंगे आत्मदाह जैसे कठौर कदम'
किसानों की इस समस्या का समाधान यदि समय रहते नहीं किया गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं. ज्ञापन देने वाले किसानों ने तो चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे. उनका कहना है कि जब तक सिंचाई और पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं होंगी, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे.
ये भी पढ़ें:- दो महीने में टाइगर का तीसरा शिकार बने जैन मंदिर के गार्ड, धरने पर बैठे लोग
यह VIDEO भी देखें