Hathras Accident: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान हुए हादसे के बाद अब भरतपुर के बयाना में भी पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है. बयाना पुलिस ने एसडीएम बयाना के निर्देश पर बयाना पंचायत समिति के गांव मुर्रीकी में दरबार सजाने वाले अनिल कुमार नाम के एक बाबा को पाबंद कर दिया है. यह बाबा भी CRPF में सिपाही रह चुका है और अब खुद को हनुमान जी का भक्त बताते हुए केंसर जैसे गम्भीर बीमारियों का इलाज का दावा करता है. बाबा अनिल कुमार कैंसर जैसी घातक बीमारी का इलाज गुलाब की पंखड़ियों और लौंग खिलाकर करने का दावा करता था.
भरतपुर के बाबा के दरबार में पहुंच रहे थे सैंकड़ों लोग
इस बाबा के दरबार मे भी सैंकड़ों की संख्या में लोग इलाज के लिए पहुच रहे थे. बाबा की कृपा से खुद को ठीक होने का दावा करते है. हालांकि NDTV Rajasthan ऐसे किसी भी दावे को सही नहीं ठहराता है लेकिन आस्था के नाम पर जिस तरीके से लोगों को बरगलाया जा है वह सही नहीं है.
एमपी के भिंड का रहने वाला है बाबा अनिल कुमार
बाबा अनिल कुमार ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के भिंड जिले के गांव सारुपुरा के निवासी हैं. वह जगह-जगह जाकर लोगों को सभी प्रकार की बीमारी से निजात दिलाने के लिए दरबार लगाता हैं. बीते कुछ दिनों से अनिल बाबा का दरबार भरतपुर जिले के बयाना तहसील के गांव मुर्रकी में लगा था. बाबा का दावा है कि दरबार में आने वाले लोगो को अपनी मर्जी से नहीं बल्कि हनुमान जी की कृपा से मरीजों को गुलाब के फूल की पंखुड़ियां एवं लौंग को दवा के रूप में देकर कई बीमारियों का इलाज होता है.
डेढ़ माह में 1.70 लाख लोगों के इलाज का दावा
भरतपुर के मुर्रकी में अनिल बाबा का यह दरबार बीते करीब डेढ़ माह से लगा रखा है. यहां कैंसर, टीवी, लकवा, हार्टअटैक, पथरी, शुगर, ब्लडप्रेशर, बांझपन, नामर्दी, रीढ़, हाथ, पैर, सिर, मुंह, पेट, पीठ, कमर, घुटने सहित अन्य सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज हो रहा था. बाबा का दावा है कि इस गांव में डेढ़ माह में करीब 1लाख 70 हजार लोगो का इलाज कर चुके हैं. बाबा के दरबार में लोगों की भीड़ जुट रही थी. हाथरस की घटना के बाद अनिल बाबा के दरबार पर भी पुलिस की नजर गई.
एमपी, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली से आ रहे थे लोग
बताया गया कि ऐसे तमाम रोगी हैं जो अपनी बीमारियों का इलाज होने का दावा कर रहे है. यहां इलाज कराने के लिए लोग मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, सहित देशभर के अन्य प्रांतों से लोग पहुंच रहे थे.वैज्ञानिक युग में भी बाबा के द्वारा हर लाइलाज बीमारी के इलाज़ का दावा करना अंधविश्वास या आस्था है.अब यह फैसला आपको करना है इसे चमत्कार माना जाए या अंधविश्वास !
एसडीएम के निर्देश पर बाबा को किया गया पाबंद
बाबा के दरबार को लेकर एसडीएम राजीव कुमार से जब परमिशन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि बाबा ने किसी भी प्रकार की कोई परमिशन नहीं ली है और संबंधित थाने को निर्देश देकर के बाबा अनिल कुमार को पाबंद करवा दिया गया है और जो लोग वहां मौजूद थे उन्हें समझा कर घर भेज दिया गया है.
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