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विवाद के बाद अजमेर दरगाह में कड़ी सुरक्षा के बीच जुम्मे की नमाज, धर्मगुरु बोलें- आप कुछ भी लिखे इससे हमें क्या?

Ajmer Dargah Jumma Namaz: अजमेर में हाईसिक्योरिटी के बीच जायरिनों ने जुम्मे की नमाज अदा की. सज्जादा नशीन बोलें- 1991 एक्ट को खिलौना बना दिया, किताब में लिखे कुछ शब्दों को लेकर यह विवाद हो रहा है.

विवाद के बाद अजमेर दरगाह में कड़ी सुरक्षा के बीच जुम्मे की नमाज, धर्मगुरु बोलें- आप कुछ भी लिखे इससे हमें क्या?
अजमेर शरीफ ने नमाज अदा करते जायरीन

Ajmer Sharif Dargah: अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह इन दिनों देशभर के सुर्खियों में बनी हुई है. यहां दूर-दराज से आए जायारीनों ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के अंदर और दरगाह के बाहर जुम्मे की नमाज शांतिपूर्वक अदा की. इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस की टीम भी तैनात रही. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के दावे के बाद पहली बार शुक्रवार को हाई सिक्योरिटी के बीच नमाज अदा की गई. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया गया है. इससे पहले दरगाह के सभी 10 दरवाजे पर पुलिस के जवान और अधिकारी तैनात रहें. यहां आने-जाने वाले लोगों की मेटल डिटेक्टर से तलाशी भी ली गई.

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'किताब के कुछ शब्दों को लेकर हो रहा विवाद'

विश्व विख्यात ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के सज्जादा नशीन और आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आवेदीन ने शुक्रवार को अपने निवास स्थान पर प्रेस वार्ता की. दरगाह में मंदिर होने के दावे को लेकर उन्होंने कहा कि '20 दिसंबर 2002 को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की ओर से जेपीसी बिठाई गई थी, जिसमें दरगाह और दूसरी प्रॉपर्टी के लिए चर्चा की गई थी. उसमें दरगाह को लेकर क्लियर कट बताया गया है कि दरगाह में कोई मंदिर नहीं था. यह विवाद सिर्फ हर विलास शारदा की किताब के कुछ शब्दों को लेकर किया जा रहा है, आप कुछ भी लिखे इससे हमें क्या'.

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'1991 एक्ट को सभी ने खिलौना बना दिया'

दीवान ने यह भी कहा कि 'माननीय न्यायालय ने 3 गवर्नमेंट बॉडी को पार्टी बनाया है. वह भी पक्षकार बनेंगे या नहीं इसको लेकर वह सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ताओं से लगातार संपर्क में है'. दीवान ने यह भी कहा कि '1991 के एक्ट को सभी ने खिलौना बना दिया है. केंद्र सरकार से निवेदन भी किया गया है कि ऐसे मामलों में रोक लगाकर जल्द से जल्द लगाई जाए, जिससे जनता का भ्रम खत्म हो. बड़े-बड़े नेताओं के आ रहे लगातार बयान को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि बयान बाजी करना अभी जल्दबाजी होगी. 20 दिसंबर को माननीय न्यायालय में क्या होगा उसके बाद ही कुछ कहा जाएगा. अभी बयान देकर नेता अपने-अपने बयान में जहर उबल रहे हैं'.

जैनुल आवेदिन अली खान ने मोहन भागवत का किया जिक्र 

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि 'ऐसे बयान देने वाले लोगों पर सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द एक्शन ले. अभी किसी प्रकार का दरगाह में सर्वे होने का आदेश नहीं आया है. सभी लोग शांति बनाए रखें, अमन चैन भाईचारे के साथ रहे दरगाह दीवान ने मोहन भागवत के बयान का भी जिक्र किया कि हम कब तक मस्जिदों में मंदिर ढूंढेंगे'.

अंजुमन भी बनेगी पक्षकार

अजमेर दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान सरवर ने कहा कि 'हम लोग देश में सांप्रदायिक सौहार्द चाहते हैं, एक किताब को लेकर देश में जो माहौल है वो गलत है. नेताओं को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. हम दरगाह के खादिम हैं, दरगाह में जायरीनों को जियारत हम कराते है. इससे पहले भी बहुत सारी किताबें लिखी गई. दरगाह के बारे में इस तरह की बातें करना गलत है'. साथ ही उन्होंने बताया कि अंजुमन भी इस मामले में पक्षकार बनेगी.

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