Rajasthan News: राजस्थान में अजमेर की मशहूर ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह में प्रधानमंत्री की ओर से चादर चढ़ाने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर अब गुरुवार, 18 दिसंबर को सुनवाई होगी. आज इस याचिका पर फैसला आने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन लिंक कोर्ट न्यायालय के न्यायाधीश ने इस मामले में कल सुनवाई निर्धारित की है. यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की है जिससे धार्मिक राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मची हुई है. आज ही दरगाह में उर्स का झंडा चढ़ाया गया जिससे इस साल के उर्स की आधिकारिक शुरुआत हो गई.
याचिका की वजह और पिछले घटनाक्रम
विष्णु गुप्ता का कहना है कि दरगाह परिसर में संकट मोचन महादेव मंदिर है जिसके आधार पर उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई से जांच कराने की मांग की है. साथ ही हिंदुओं को वहां पूजा करने का अधिकार देने की अपील की गई है. यह दावा उन्होंने सितंबर 2024 में किया था.
शुरुआत में 26 सितंबर को याचिका क्षेत्राधिकार की वजह से स्थगित हो गई क्योंकि इसे गलत अदालत में दायर किया गया था. लेकिन अगले दिन 27 सितंबर को अजमेर की सिविल कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया. अब इस मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है.
चादर चढ़ाने पर रोक की मांग क्यों
याचिका में खासतौर पर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री डीएम और एसपी जैसे पदों से उर्स में चादर भेजने पर रोक लगाने की बात कही गई है. गुप्ता का तर्क है कि अल्पसंख्यक मंत्रालय प्रधानमंत्री की ओर से चादर पेश करता है और इसके फोटो वीडियो अपनी वेबसाइट पर डालता है जिससे उनके कानूनी अधिकारों का उल्लंघन होता है.
अदालत ने इस पर 10 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. साथ ही 8 दिसंबर को संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं. उर्स के दौरान कभी भी पीएम की चादर पेश हो सकती है इसलिए आज का फैसला उर्स के माहौल को प्रभावित कर सकता है.
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