
Rajasthan News: अजमेर में जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप को लेकर गुरुवार को वकीलों ने विरोध जताया और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक सिंह रावत के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने यह ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि ईसाई धर्म प्रचारक गरीब, दलित और अन्य वर्गों के लोगों को बहला-फुसलाकर और प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं.
बीमारियों को ठीक करने के नाम पर धर्म परिवर्तन का धंधा
ज्ञापन में आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. एडवोकेट रावत ने बताया कि कुंदन नगर निवासी सुनील दत्त नाम के युवक, जो पहले रिक्शा चालक था, अब खुद को “ईसाई मसीह का दूत” बताता है और बीमारियों को चमत्कारी तरीके से ठीक करने का दावा करता है. इस बहाने वह लोगों को हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहा है. उसके साथ अमरचंद और राजेंद्र नामक व्यक्ति भी सक्रिय हैं.
नौकरी और इलाज का लालच
आरोप यह भी है कि सुनील दत्त की दो बेटियां, विनोला और मीनल, जो सरकारी अस्पताल में कंप्यूटर ऑपरेटर हैं, अपने साथी मोहित के साथ मिलकर मरीजों को बिना दवा के ठीक करने का दावा कर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रही हैं. वकीलों ने मांग है कि ऐसे लोगों की जांच कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.
एडवोकेट मुनेश तिवारी ने कहा कि अजमेर के हाथीखेड़ा, मगरा और अन्य क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन के नाम पर लोगों को आर्थिक लाभ, नौकरी और इलाज का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने को मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो पूरा हिन्दू समाज आंदोलन करेगा और इसके परिणाम के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा. वकीलों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताया और कहा कि वे शहर का माहौल खराब नहीं होने देना चाहते.
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