
Rajasthan News: पिछले कुछ दिनों से जारी लगातार बारिश ने अजमेर जिले में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. गुरुवार देर रात, जिले के बोराज गांव में स्थित एक तालाब की पाल टूटने से आस-पास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. अचानक पानी का तेज बहाव रिहायशी कॉलोनियों और निचले इलाकों में घुस गया, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई.
सड़कों पर 10 फीट तक पानी
बोराज तालाब की पाल टूटने के बाद पानी इतनी तेजी से फैला कि सड़कों पर करीब 10-10 फीट तक पानी की चादर बहने लगी. इसका सीधा असर आसपास की कॉलोनियों पर पड़ा. देखते ही देखते कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया. घरों में रखा सामान, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पानी में डूब गए. पानी के साथ मिट्टी और मलबा भी घरों में भर गया, जिससे साफ-सफाई का काम और भी मुश्किल हो गया है.
प्रशासन की चेतावनी ने टाला बड़ा हादसा
ग्रामीणों के अनुसार, हालात इतने गंभीर थे कि कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका जलमग्न हो गया. हालांकि, प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पहले ही कुछ घरों को खाली करवा लिया था. इस समय पर उठाए गए कदम से एक बड़ा हादसा टल गया और कोई जनहानि नहीं हुई.
वाहनों को नुकसान, बिजली आपूर्ति ठप
पानी के तेज बहाव के कारण कई वाहन भी बह गए. रिपोर्ट के मुताबिक, कई चार पहिया वाहन पूरी तरह से पानी में डूब गए, जबकि कई दोपहिया वाहन पानी के साथ बह गए. क्षेत्र में सुरक्षा कारणों से एहतियातन बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है ताकि किसी भी तरह का करंट लगने का हादसा न हो. इससे लोगों को रात के समय और भी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
खाने और पीने के पानी की किल्लत
अचानक आई इस आपदा ने लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी कर दी है. घरों में पानी घुसने के कारण खाद्य सामग्री और पीने का पानी खराब हो गया है. प्रभावित इलाकों के लोग अब जरूरी सामानों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. खासकर बच्चे और बुजुर्ग, जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है, सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
रात भर जागकर लोगों ने बचाया सामान
इस भयावह स्थिति में बोराज गांव और आस-पास की कॉलोनियों के लोग रात भर जागते रहे. उन्होंने अपने घरों के कीमती सामान को सुरक्षित जगहों पर रखने की कोशिश की. पानी का स्तर बढ़ता देख, कई लोगों ने अपनी छतों पर पनाह ली.
राहत और बचाव कार्य जारी, प्रशासन मुस्तैद
सूचना मिलते ही राजस्व और पुलिस विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. हालांकि, लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है.
ग्रामीणों का आरोप: प्रशासन की लापरवाही बनी वजहइस घटना के बाद ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गुस्सा है. उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते तालाब की पाल की मरम्मत करवा दी होती, तो आज यह स्थिति नहीं बनती. लोगों का आरोप है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को इस खतरे के बारे में बताया था, लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया.
ये भी पढ़ें:- राजस्थान में 5 सितंबर को 6 जिलों में ऑरेंज और 30 जिलों में येलो अलर्ट जारी, तेज हवा चलने की भी संभावना
यह VIDEO भी देखें