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Ajmer Sharif Dargah: "बाबर-औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़कर बनवाई मस्जिदें", अजमेर दरगाह मामले में दिलावर बोले- खुदाई के बाद हो जाएगा फैसला

Ajmer Sharif Dargah dispute: अजमेर शरीफ दरगाह विवाद में मदन दिलावर ने कहा कि यह सच है बाबर, औरंगजेब समेत अन्य ने अधिकांश मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई थीं.

Ajmer Sharif Dargah: "बाबर-औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़कर बनवाई मस्जिदें", अजमेर दरगाह मामले में दिलावर बोले- खुदाई के बाद हो जाएगा फैसला

Ajmer Dargah Dispute: विश्व विख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का विवाद तूल पकड़ चुका है. अजमेर की इस दरगाह परिसर में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका कोर्ट में स्वीकार होने के बाद बयानबाजी का दौर भी जारी है. दरगाह विवाद में याचिका मामले पर राजस्थान सरकार में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर (Madan dilawar) ने भी बयान दिया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह सच है बाबर, औरंगजेब समेत अन्य ने अधिकांश मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई थीं. बता दें कि दरगाह विवाद मामले में याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की है. इस मामले में बुधवार (27 नवंबर) को कोर्ट याचिका स्वीकार करते हुए प्रतिवादी को नोटिस जारी किए है.

इस मामले में न्यायालय निर्णय करेगा- दिलावर 

याचिका को मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि इस मामले में न्यायालय निर्णय करेगा.अगर जांच होगी और कोर्ट खुदाई के आदेश देता है तो अवशेष मिलने के बाद निर्णय हो जाएगा. दिलावर आज कोटा के रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र में 'सरकार आपके द्वारा अभियान' के तहत समस्या समाधान शिविर में जनता की समस्याओं को सुनेंगे. समाधान शिविर के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

याचिका को मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि इस मामले में न्यायालय निर्णय करेगा. अगर जांच होगी और कोर्ट खुदाई के आदेश देता है तो अवशेष मिलने के बाद निर्णय हो जाएगा.

याचिका में किताब के हवाले से दावा

याचिका में दावा किया गया था कि दरगाह की जमीन पर पूर्व में भगवान शिव का मंदिर था. वहां पूजा पाठ और जलाभिषेक किया जाता रहा है. दरगाह परिसर में एक जैन मंदिर होने का भी दावा किया गया. याचिका में अजमेर के रहने वाले हरविलास शारदा की लिखी पुस्तक का हवाला दिया गया. इसके आधार पर दरगाह की जगह मंदिर होने के प्रमाण का उल्लेख किया गया. किताब में दावा किया गया है कि दरगाह परिसर में मौजूद 75 फीट के बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलवे के अंश हैं. साथ ही वहां एक तहखाना या गर्भ गृह होने की भी बात की गई और कहा गया है कि वहां शिवलिंग था, जहां ब्राह्मण परिवार पूजा अर्चना करते थे.

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