"हमें यह समझना होगा कि 'स्मार्ट सिटी' बनाने से भारत स्मार्ट नहीं बनेगा, जब तक हम 'स्मार्ट विलेज' नहीं बनाते." उक्त बातें अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान ने कही. दरअसल अखिल भारतीय पंचायत परिषद का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन गडग (कर्नाटक) में 12 से 13 दिसम्बर तक आयोजित हुआ. यह पूर्व केंद्रीय मंत्री और परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. इसमें देश भर के पंचायती राज प्रतिनिधि और अखिल भारतीय पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए. इसमें राजस्थान से मोहन लाल शर्मा और उनकी टीम शामिल हुई.
14 प्रस्ताव हुए पास
सम्मलेन में हर राज्यों से सुझाव और प्रस्ताव आए, जिससे 14 प्रस्ताव पास हुए. इनको आने वाले समय में परिषद का प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री को पेश करेगा. यह आयोजन कर्नाटक पंचायत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष और कर्नाटक सरकार के पंचायती राज मंत्री प्रियांक खरगे के विशेष निवेदन और परिषद की कार्यसमिति के अनुमोदन से संपन्न हुआ.
वैश्विक बाजार ने गांव को एक बाजार बना दियाः सुबोध कांत सहाय
इस मौके पर सुबोध कांत सहाय ने कहा कि वैश्वीकरण का दौर अब पुराना हो चुका है. आज दौर 'स्थानीयकरण' और 'आत्मनिर्भरता' का है. वैश्विक बाजार ने हमारे गांवों को केवल एक 'बाजार' बनाकर छोड़ दिया है. हमारे स्थानीय संसाधनों—जल, जंगल और जमीन—पर बाहरी दबाव बढ़ा है. इसका समाधान दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई या मुंबई में नहीं, बल्कि हमारी ग्राम पंचायतों में है.
स्थानीय संसाधनों पर ग्राम समुदाय का नियंत्रण होना चाहिए
परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि 'स्मार्ट सिटी' बनाने से भारत स्मार्ट नहीं बनेगा, जब तक हम 'स्मार्ट विलेज' नहीं बनाते. स्थानीय संसाधनों पर ग्राम समुदाय का नियंत्रण होना ही चाहिए, अन्यथा ग्रामीण समाज पलायन और बेरोजगारी की आग में झुलस जाएगा. महामंत्री मुख्यालय अनिल शर्मा ने परिषद की रिपोर्ट पेश की. इस सम्मलेन में परिषद के दिल्ली प्रदेश पंचायत परिषद् के अध्यक्ष ध्यान पाल सिंह जादौन ने पंचायत से चुने हुए प्रतिनिधियों को वेतन, पेंशन और भत्ते देने की मांग पर जोर दिया.
अलग-अलग राज्यों से जुटे सदस्य
इस कार्यक्रम में परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष बीवाई घोरपडे की छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष लीलू राम केवट, हिमाचल प्रदेश से बलदेव सिंह और कुल राकेश पंत, राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र चौधरी, राजवीर सिंह राठी, हरियाणा से प्रदेश अध्यक्ष उमेश शर्मा, जम्मू से मिन्हास, तमिलनाडू से साउथ इन्डियन पंचायत परिषद के अध्यक्ष पूर्व विधायक केए मनोहरन, कर्नाटक के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल, पूर्व विधायक डी आर पाटिल, एमएलसी एसवी संकनूर, पूर्व सांसद नारायण स्वामी, पूर्व निर्देशक ग्रामीण व पंचायती राज के निदेशक केम्पे गौड़ा आदि उपस्थित रहे.