Rajasthan CM BhajanLal Sharma: राजस्थान के मुख्यमंत्री ऐलान में भी भाजपा ने सभी को चौंका दिया. वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, दीया कुमारी, गजेंद्र सिंह शेखावत, किरोड़ी लाल मीणा, अश्विनी वैष्णव, कैलाश चौधरी सहित पार्टी के कई बड़े नामों का दरकिनार करते हुए भाजपा ने (Rajasthan CM Bhajan Lal Sharma) भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की. पार्टी का यह फैसला चौंकाने वाला इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भजनलाल शर्मा का नाम सीएम रेस में नहीं था.
3 दिसंबर को स्पष्ट बहुमत की जीत हासिल करने के बाद वसुंधरा राजे ने विधायकों से मेलजोल बढ़ाना शुरू किया. तब लगा कि पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए उन्हें फिर से कमान दे सकती है. मंगलवार को विधायक दल की बैठक से पहले अचानक कैलाश चौधरी का नाम चला. लेकिन अंत में जब पर्ची खुली तो सभी हैरान रह गए.
सत्ता का ऐसा सतुंलन कि दिग्गज भी हो गए शांत
राजस्थान में भाजपा ने सत्ता का ऐसा संतुलन बनाया कि पार्टी के पुराने और दिग्गज नेता भी शांत रह गए. मोदी की गारंटी और उनके चेहरे पर मिली इस जीत के बाद भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की तरह ही राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के चयन पर सभी राजनीतिक पंडितों की कयासबाजी को गलत करार दिया. अब जब भजनलाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री घोषित किए जा चुके हैं तो चर्चा इस बात की हो रही है कि आखिर भाजपा ने भजन लाल को ही सीएम क्यों बनाया. आइए जानते हैं इस स्पेशल रिपोर्ट में.
पहले जानिए कैसे हुआ भजनलाल का चुनाव
बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को राजस्थान के नए सीएम (Rajasthan CM) के लिए चुना है. मंगलवार की मीटिंग में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने भजनलाल शर्मा (Who is Bhajan Lal Sharma) के नाम का प्रस्ताव रखा. भजनलाल शर्मा सांगानेर से विधायक हैं. बीजेपी ने मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी दो डिप्टी सीएम बनाए हैं. दीया कुमारी (Diya Kumari Singh) सिंह और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया गया है. जबकि वासुदेव देवनानी को विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है.
राजनाथ के बगल में बैठी थी वसुंधरा, उन्होंने ही खोली पर्ची
राजस्थान के मुख्यमंत्री चयन के लिए बुलाई भाजपा विधायक दल का एक वीडियो भी सामने आया है, जो काफी वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में वसुंधरा राजे राजनाथ सिंह के बगल में बैठी नजर आ रही हैं. उन्हें एक पर्ची दिया जाता है. पर्ची खोलते ही वो राजनाथ सिंह की तरफ देखती हैं, इसी दौरान राजनाथ सिंह मुस्कुराते नजर आते हैं. इसके बाद भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान किया जाता है.
अब जानिए भाजपा ने भजनलाल शर्मा को ही राजस्थान में मुख्यमंत्री क्यों बनाया
राजस्थान की राजनीति पर गहरी पकड़ रखने वाले चुनावी पंडित भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के कई कारण गिना रहे हैं. लेकिन भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाए जाने के ये पांच बड़े कारण हैं.
1. आरएसएस बैकग्राउंड
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा संघ से जुड़े रहे हैं. उनका संघ का बैकग्राउंड सीएम रेस में उन्हें आगे लाने में सबसे सहायक हुआ है. भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक बने. उनके पास अब तक मंत्री पद का कोई अनुभव नहीं है. लेकिन वे अब सीएम की जिम्मेदारी निभाएंगे. भजनलाल शर्मा अपने वैचारिक गुरु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं. वो आरएसएस की फेवरेट लिस्ट में शुमार हैं. विधायकों के ग्रुप फोटो में भजनलाल चौथी लाइन में लगभग छिपकर बैठे थे. लेकिन संघ से करीबी होने का उन्हें फायदा मिला.
2. संगठन का अनुभव
भजनलाल शर्मा लंबे समय से एबीवीपी और भाजपा में सक्रिय रहे हैं. उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रहा है. कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच तालमेल बैठाने में उन्हें महारथ हासिल है. वे तीन बार संगठन महामंत्री का दायित्व भी निभा चुके हैं. बीते पांच साल में राजस्थान में भाजपा द्वारा शुरू किए गए कई राजनीतिक आंदोलनों में भजनलाल शर्मा की भूमिका बड़ी थी. संगठन में काम करते हुए उन्होंने पूरे प्रदेश को नाप रखा है. ऐसे में उनका दावेदारी प्रबल हुई.
3. पीएम मोदी और शाह की मुहर
आरएसएस बैकग्राउंड होने से पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी. मोदी-शाह की मुहर के बाद किसी तरह के विरोध की संभावनाएं समाप्त हो गई. दबी जुबान में कई लोग यह भी कह रहे हैं कि भजनलाल शर्मा आलाकमान के खिलाफ नहीं जा सकते हैं. साथ ही वो प्रदेश की राजनीति में लंबा चल सकते हैं. ऐसे में भाजपा ने राजस्थान में वसुंधरा युग को समाप्त करते हुए एक नए चेहरे पर दांव खेला है.
4. ओबीसी, आदिवासी के बाद सामान्य जाति का सीएम
छत्तीसगढ़ में आदिवासी सीएम और मध्य प्रदेश में ओबीसी समुदाय से सीएम बनाने के बाद चर्चा थी कि राजस्थान में सामान्य जाति का सीएम हो सकता है. ऐसे में कई नाम चर्चा में थे, मगर पीएम मोदी और अमित शाह ने ऐन वक्त पर ब्राह्मण समाज के भजनलाल शर्मा का नाम फाइनल कर दिया. जबकि राजस्थान में ब्राह्नाण मात्र 7 प्रतिशत हैं. लेकिन इसके बाद भी देशस्तर पर सोशल इंजीनियरिंग के तहत भजनलाल को सीएम बनाया गया. हरिदेव जोशी के बाद भजनलाल शर्मा राजस्थान के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री होंगे. राजस्थान में जाट और राजपूत समाज का द्वंद लंबे समय से चल रहा है. ऐसे में अगड़ी जाति में ब्राह्मण को चुना गया है.
5. बेदाग छवि, कार्यकर्ताओं को संदेश
भजनलाल शर्मा की छवि साफ, स्वच्छ और बेदाग रही है. उन पर ना कोई आरोप है ना ही उनके नाम पर किसी को भी कोई ऐतराज है. नया चेहरा होने से उन पर लॉबिंग का आरोप भी नहीं है और ब्राह्मण समाज से होने के नाते वे सर्वमान्य रूप से चुन लिए गए. भजनलाल के जरिए भाजपा ने कार्यकर्ताओं को संदेश भी दिया. संदेश यह कि गुटबाजी में नहीं, संगठन में रहने का फायदा है. पार्टी ने यह भी जताया कि भाजपा में कोई परिवार और पूर्वस्थापित चेहरा ही नेता नहीं होगा. यहां संगठन को महत्व दिया जाता है.
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