Rajasthan Politics: राजस्थान में बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने राजेंद्र सिंह राठौड़ का एटेंडेंस लगा कर सियासत को गरम कर चुके हैं. जबकि उनके इस बयान से राजपूत वर्ग में काफी आक्रोश है और इसे क्षत्रिय समाज का अपमान माना जा रहा है. वहीं अब बिहार के दिग्गज नेता आनंद मोहन जो एनडीए से जुड़े हैं उनके बयान से एक बार फिर राजस्थान बीजेपी के अंदर सियासी खलबली मचने वाली है. आनंद मोहन ने राजेंद्र सिंह राठौड़ की वकालत की है और कहा है कि क्षत्रिय समाज के दिग्गज नेता होते हुए भी उन्हें सही सम्मान नहीं दिया गया है. उनके इस बयान से क्षत्रिय समाज में एक बार फिर राजेंद्र राठौड़ के अपमान का मुद्दा पनपा सकता है.
दरअसल, राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी की जयंती के अवसर पर जयपुर के बिड़ला सभागार में समाज रत्न सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में क्षत्रिय समाज के बड़े-बड़े नेता शामिल हुए थे. जिसमें बिहार के राजपूत नेता आनंद मोहन शामिल हुए थे. जबकि राजेंद्र सिंह राठौड़ और डिप्टी सीएम दिया कुमारी भी शामिल हुई थी.
कार्यक्रम में आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक तौर पर समाज को सशक्त बनाने की बात कही गई. मंच पर वक्ताओं ने लोकेंद्र सिंह कालवी के योगदान को याद किया. हालांकि, आयोजन में सबसे अहम बयान आनंद मोहन ने दिया, जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है.
राजस्थान में ऐरे-गैरे को भेजा राज्यसभा
राजस्थान में राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है. जिसके लिए बीजेपी ने यहां पंजाब के रवनीत सिंह बिट्टू को उम्मीदवार बनाया है. वहीं रवनीत सिंह बिट्टू को 27 अगस्त को निर्विरोध राज्यसभा सदस्य के रूप में चुन लिया गया है. हालांकि बिहार के दिग्गज नेता आनंद मोहन ने इसका विरोध किया है. उन्होंने आयोजन में राजस्थान में बीजेपी के हालातों पर चर्चा करते हुए कहा,
अब इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं आनंद मोहन के इस बयान के बाद राजेंद्र सिंह राठौड़ ने भी उनका मुसकुराते हुए अभिवादन किया. उसी समय राजेंद्र राठौड़ के बगल में डिप्टी सीएम दिया कुमारी भी मौजूद थी.
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— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) August 27, 2024
बिहार की सियासत पर भी इशारा
आनंद मोहन के इस बयान ने केवल राजस्थान की सियासत में हलचल मचेगी. बल्कि उनका यह बयान बिहार की सियासत के लिए भी एक इशारों-इशारों में चेतावनी मानी जा रही है कि अगर बिहार में क्षत्रिय समाज की अवहेलना हुई तो इसका परिणाम भी बीजेपी और जेडीयू को भुगतना हो सकता है. वह पहले भी अपनी पत्नी लवली आनंद जो की सांसद हैं उनके लिए मंत्री पद की मांग कर चुके हैं.
आपको बता दें, लवली आनंद का एक लंबा राजनीति इतिहास रहा है. वह क्षत्रिय समाज के बड़े नेता हैं. आनंद मोहन 1990 में बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल से विजयी हुए थे. आनंद मोहन ने 1993 में बिहार पीपुल्स पार्टी की स्थापना की. हालांकि दिसंबर 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया के हत्याकांड में उन्हें सजा हुई थी. लेकिन सियासी दांव पेंच के बाद वह रिहा हो गए. लेकिन मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.
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