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This Article is From Apr 07, 2024

पारा चढ़ते ही राजस्थान में बढ़ी पानी की किल्लत, पानी के महंगे टैंकरों ने जीना किया मुहाल

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के आपनपुर स्थित वार्ड नंबर 37 के बैरवा मोहल्ले में पेयजल संकट गहरा गया है, स्थानीय महिलाओं की मानें तो विगत एक महीने से बैरवा मोहल्ले के नलों में पानी नहीं पहुंचा है.

पारा चढ़ते ही राजस्थान में बढ़ी पानी की किल्लत, पानी के महंगे टैंकरों ने जीना किया मुहाल
प्रतीकात्मक तस्वीर

Water Crisis In Rajasthan: राजस्थान में गर्मियों में पानी की किल्लत आम है, लेकिन हर 5 साल में सरकार बदलने के बाद भी यहां सूरत नहीं बदल रही है. जैसे-जैसे पारा बढ़ रहा है, पेयजल संकट ने ग्रामीणों का जीवन दुष्कर कर दिया है, लेकिन इसे और मुश्किल बना दिया है मंहगे पानी के टैंकरों के लिए उन्हें 500 से 700 रुपए प्रति टैंकर चुकाने पड़ते हैं. 

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के आपनपुर स्थित वार्ड नंबर 37 के बैरवा मोहल्ले में पेयजल संकट गहरा गया है, स्थानीय महिलाओं की मानें तो विगत एक महीने से बैरवा मोहल्ले के नलों में पानी नहीं पहुंचा है.

पीने के पानी के लिए भी दूर दराज तक जाना पड़ रहा है

रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते पेयजल संकट के चलते महिलाओं को पीने के पानी के लिए भी दूर दराज तक जाना पड़ रहा है. महिलाएं दूर-दूर से किसी के निजी बोरिंग से तो किसी सरकारी हैडपम्प से पानी लाने को मजबूर है. महिलाओं का कहना है कि मोहल्ले में विगत एक माह से पानी नही आ रहा है.

एक टैंकर के लिए 500 से 700 रुपए खर्च करने पड़ रहे है

पेयजल संकट से जूझ रही महिलाओं का कहना है कि उन्हें दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है या फिर टैंकर से पानी डलवाना पड़ रहा है. महिलाओं का कहना है कि पानी का टैंकर भी बहुत महंगा पड़ रहा है. उनके मुताबिक एक टैंकर के लिए 500 से 700 रुपए खर्च करने पड़ रहे है. 

शिकायत के बाद भी जलदाय विभाग ने नहीं किया समाधान

मोहल्ले में व्याप्त पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मामले की शिकायत जलदाय विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन कोई समाधान नही मिला है. ऐसे में मोहल्ले में पीने के पानी का टोटा है. वहीं, कूलर और अन्य कार्यो के लिए पानी मिलना मुश्किल हो गया है.

 ग्रामीणों ने पीने के पानी के लिए आंदोलन करने की दी धमकी

पीने की पानी की समस्या से जूझ रहीं महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर  जल्द ही जलदाय विभाग द्वारा पानी की समस्या का समाधान नही किया गया, तो मजबूरन उन्हें आंदोलन करना पड़ेगा. महिलाओं ने कहा कि सरकार का ध्यान खींचने के लिए वो कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना दे सकती हैं. 

72 प्रतिशत घरों तक पेयजल सुविधाएं पहुंच चुकी हैंः शेखावत

 केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 7 जनवरी को कहा कि देश के 72 प्रतिशत घरों तक पेयजल सुविधाएं पहुंच चुकी हैं और दिसंबर 2024 तक देश के बांकी बचे जगहों में भी पहुंच जाएंगी, उन्होंने बताया कि जब 2019 में ‘जल जीवन मिशन' शुरू हुआ तो 16 प्रतिशत से कुछ अधिक घरों में ही पेयजल की सुविधा थी.

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