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This Article is From Apr 10, 2024

क्या अशोक गहलोत ने जालोर सीट के लिए BAP से किया गठबंधन? राजकुमार रोत के साथ गुपचुप समझौता!

कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी के गठबंधन को लेकर अशोक गहलोत और बांसवाड़ा-डूंगरपुर के BAP प्रत्याशी राजकुमार रोत के बीच गुपचुप समझौता हुआ था. जिसमें जालोर-सिरोही सीट की चर्चा थी.

क्या अशोक गहलोत ने जालोर सीट के लिए BAP से किया गठबंधन? राजकुमार रोत के साथ गुपचुप समझौता!

Rajasthan Politics: राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी उठापटक काफी ज्यादा हो रही है. कांग्रेस में तो उथलपुथल मची हुई है. क्योंकि कांग्रेस के दिग्गज नेता से लेकर हजारों कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. हालांकि, बीजेपी से भी कई दिग्गज अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं. वहीं, हाल में कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बीच गठबंधन को लेकर खूब हंगामा हुआ था. लेकिन काफी हंगामे के बाद बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन हो गया है. लेकिन इस बीच नई बातें सामने आ रही है.

अब ऐसी चर्चाएं हो रही है कि कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी के गठबंधन को लेकर अशोक गहलोत और बांसवाड़ा-डूंगरपुर के BAP प्रत्याशी राजकुमार रोत के बीच गुपचुप समझौता हुआ था. जिसमें जालोर-सिरोही सीट की चर्चा थी, इसी वजह से दोनों के बीच गठबंधन हुआ था.

लेकिन स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध से गठबंधन समझौते के मुताबिक नहीं हो सका. हालांकि, आलाकमान के आदेश के बाद कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता राजकुमार रोत को समर्थन करने को तैयार हो गए हैं.

कांग्रेस और BAP के गठबंधन पर क्या-क्या हुआ घमासान

कांग्रेस जहां आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट प्रत्याशी तय नहीं कर पाई थी. हालांकि नामांकन के आखिरी दिन एक अर्जुन बामनिया का नाम घोषित हुआ. लेकिन उन्होंने नामांकन नहीं कराया. और नामांकन के आखिरी समय में महज 10 मिनट पहले कार्यकर्ता अरविंद डामोर का नामांकन कराया गया. वहीं इसके बाद नामांकन वापस लेने के आखिरी तारीख में कांग्रेस और BAP के बीच गठबंधन का ऐलान हुआ. लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस सिंबल पर नामांकन कराने वाले अरविंद डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया. कुछ ऐसा ही हाल बागीदौरा विधानसभा सीट पर रहा जहां प्रत्याशी कर्पूर सिंह ने नाम वापस नहीं लिया है. इससे गठबंधन में खटास दिखने लगी.

वहीं, 9 अप्रैल को एक बार फिर कांग्रेस और BAP के बीच गठबंधन को लेकर रास्ता साफ किया गया. जिसमें कहा गया कि

प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा के निर्देशन/नेतृत्व में बांसवाड़ा के कांग्रेसी पदाधिकारी /विधायकों/कार्यकर्त्ताओं ने समर्थन देने का फैसला किया है. ऐसे में ये समझौता केवल बांसवाड़ा सीट पर ही हो सका है. बाकी सीटों पर मामला अब भी उलझा हुआ है.

अशोक गहलोत ने जालोर-सिरोही सीट के लिए किया गठबंधन

दरअसल राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य इलाके में तेजी से उभरती भारतीय आदिवासी पार्टी ने इस इलाके के राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं. बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें बांसवाड़ा के 5 और डूंगरपुर के 3 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. वर्तमान में इन 8 में से 5 पर कांग्रेस, 2 पर बीजेपी और एक पर बाप पार्टी है. फिर भी कांग्रेस ने एक सीट वाली बाप पार्टी से समझौता किया. पूर्व में गहलोत सरकार को समर्थन देकर उनके करीबी बने विधायक राजकुमार बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से बाप के प्रत्याशी हैं.

वहीं, इलाके की राजनीति को गहरे से जानने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अशोक गहलोत का राजकुमार से कथित तौर पर गुप्त समझौता हुआ था. जालोर-सिरोही इलाके में भी आदिवासियों की बड़ी संख्या है और वहां भी बाप पार्टी मजबूत स्थिति में है. इस कथित समझौते के मुताबिक बाप पार्टी जालोर-सिरोही सीट पर अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के सामने प्रत्याशी नहीं उतारने या फिर नाम वापस ले लेने को तैयार हो गई थी. बदले में कांग्रेस ने बांसवाड़ा सीट पर राजकुमार के सामने कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं उतारने का वादा किया था. कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर इस बात पर सहमति भी बन गई थी.

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