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This Article is From Apr 10, 2024

Rajasthan Politics: कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव प्रचार करेगी Congress, अपने ही गढ़ में किया BAP से गठबंधन

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 6 महीने पहले बनी बीएपी से गठबंधन करना पड़ा है. कांग्रेस तो अपने प्रत्याशी भी खड़े नहीं करना चाहती थी. लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं के दबाव के चलते प्रत्याशी खड़ किया गया.

Rajasthan Politics: कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव प्रचार करेगी Congress, अपने ही गढ़ में किया BAP से गठबंधन
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सबसे चर्चित सीट बनी बांसवाड़ा (Banswara) कभी कांग्रेस (Congress) का गढ़ रही थी. लेकिन इस बार यह अपने ही गढ़ में सबसे बड़ी राजनीतिक मुसीबत और उलझन में है. लोकसभा चुनावों के 72 साल में पहली बार ऐसा होगा जब कांग्रेस का प्रत्याशी तो चुनावी मैदान में होगा, लेकिन कांग्रेस उसके खिलाफ ही प्रचार करेगी. क्योंकि कांग्रेस संगठन अभी भी अधिकृत रूप से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के साथ है.

17 चुनाव में से 12 कांग्रेस ने जीते

बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 12 बार जीत दर्ज की है. केवल कांग्रेस के नाम पर ही लगातार 5 बार जीत दर्ज करने का भी रिकॉर्ड है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी लोकसभा क्षेत्र को 8 विधानसभाओं में से 5 सीटें कांग्रेस के पास हैं. इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 6 महीने पहले बनी बीएपी से गठबंधन करना पड़ा है. कांग्रेस तो अपने प्रत्याशी भी खड़े नहीं करना चाहती थी. लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं के दबाव के चलते प्रत्याशी खड़ किया गया. मगर जब पार्टी के बीएपी के साथ गठबंधन कर लिया तो उम्मीदवार ने नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया.

मालवीया को हराने के लिए गठबंधन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीया पिछले दिनों भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा से वह लोकसभा प्रत्याशी भी घोषित हो गए. वहीं मालवीया के साथ संगठन के कई पदाधिकारियों ने भी पार्टी छोड़ दी. ऐसे में कांग्रेस ने खुद चुनाव लड़ने की बजाय मालवीया और भाजपा को रोकने के लिए भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन को अहमियत दी. प्रत्याशी और गठबंधन को लेकर डूंगरपुर और बांसवाड़ा के कांग्रेस के नेताओं में भी दो फाड़ हो गए हैं. डूंगरपुर के शीर्ष नेता कांग्रेस प्रत्याशी उतारने के पक्ष में थे, जबकि बांसवाड़ा से वरिष्ठ नेता गठबंधन के पक्ष में थे. पार्टी आलाकमान द्वारा भारत आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन के निर्णय के बाद भी कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिए. इसके चलते कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया.

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