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आनंदपाल एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को गहलोत सरकार ने दिया था स्पेशल प्रमोशन, अब चलेगा हत्या का केस

अप्रैल 2021 में आनंदपाल एनकाउंटर केस में शामिल पुलिसकर्मियों को तत्कालीन गहलोत सरकार ने विशेष पदोन्नति दी थी. अब इन पुलिसकर्मियों पर कोर्ट ने हत्या का केस चलाने का आदेश दिया है.

आनंदपाल एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को गहलोत सरकार ने दिया था स्पेशल प्रमोशन, अब चलेगा हत्या का केस
फाइल फोटो

Anandpal Encounter Case: राजस्थान के बहुचर्चित गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में सीबीआई की ओर से पेश क्लोजर रिपोर्ट को एसीजेएम सीबीआई कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है. साथ ही एनकाउंटर में शामिल सात पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिए गए हैं. ध्यान देने वाली बात है कि आनंदपाल एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को तत्कालीन गहलोत सरकार ने विशेष पदोन्नति दी थी.

बुधवार को कोर्ट ने आनंदपाल एनकाउंटर मामले में तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहठ, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हेड कॉन्स्टेबल कैलाश चंद्र, कॉन्स्टेबल धर्मपाल, कॉन्स्टेबल धर्मवीर सिंह और आरएसी के सोहन सिंह के विरुद्ध मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने परिवादिया के अधिवक्ता से गवाहों की सूची भी मांगी है.

2017 में हुआ था आनंदपाल का एनकाउंटर

24 जून 2017 को चूरू जिले के मालासर गांव में एसओजी ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया था. इस मामले में जोधपुर की एसीजेएम कोर्ट में केस चल रहा था. सीबीआई की ओर से पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में एनकाउंटर में शामिल रहे सात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं. 

आनंदपाल की पत्नी ने किया था चैलेंज

एनकाउंटर के बाद से ही इस पर कई सवाल उठ रहे थे. एनकाउंटर को लेकर सीबीआई ने 2020 में क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी, जिसे आनंदपाल की पत्नी राजकंवर ने चैलेंज किया. एसीजेएम कोर्ट में 2020 में प्रोटेस्ट पिटिशन दायर की. सुनवाई के दौरान कोर्ट में चार साल में राजकंवर की ओर से कई गवाह पेश किए गए. कोर्ट में चार साल सुनवाई के दौरान दो डॉक्टर, राजकंवर और आनंदपाल के भाई मंजीत की गवाही हुई.

उस आधार पर प्रसंज्ञान लिया गया. राजकंवर के वकील भंवर सिंह और त्रिभुवन सिंह राठौड़ ने बताया कि यह एनकाउंटर नहीं था और छत पर आनंदपाल को नजदीक से एक के बाद एक गोली मारी गई.  गोली बहुत नजदीक से मारी गई थी, इसकी पुष्टि डॉक्टर ने भी की है. कोर्ट में कई गवाहों को पेश किया गया. उनके आधार पर एसीजेएम कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है. कोर्ट ने राजकंवर की ओर से गवाहों की सूची भी 16 अक्टूबर से पहले पेश करने के आदेश दिए हैं. 

पुलिसकर्मियों को मिला था प्रमोशन

अप्रैल 2021 में आनंदपाल एनकाउंटर केस में शामिल पुलिसकर्मियों को तत्कालीन गहलोत सरकार ने विशेष पदोन्नति दी थी. इसमें आनंदपाल सिंह को गोली मारने वाले स्पेशल कमांडो सोहन सिंह, तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहठ, एसओजी में एडिशनल एसपी करण शर्मा, एडिशनल एसपी विद्याप्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी के हेड कॉन्स्टेबल कैलाश और चूरू में पुलिस कॉन्टेबल धर्मपाल शामिल थे. गैंगस्टर आनंदपाल को पकड़ने के लिए पौने दो साल में करीब तीन सौ दबिश दी जा चुकी थी. हर दबिश में एएसपी से लेकर कॉन्स्टेबल तक करीब 50 जवानों की टीम जाती थी.

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