
Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को अपने विधायक कोष से बने स्कूल का लोकार्पण करना था, लेकिन एक सरकारी विज्ञप्ति ने इसे विवाद में डाल दिया. इसके बाद पूर्व सीएम गहलोत ने खुद कहा कि वे विवाद नहीं करना चाहते, इसलिए स्कूल का उद्घाटन नहीं करेंगे. यहां तक वह खुद के कार्यकाल में बनाए कन्वेंशन सेंटर में पार्टी का आयोजन नहीं कर सके.
गहलोत के पहुंचने से पहले आई विज्ञप्ति
दरअसल, अशोक गहलोत मंगलवार को जोधपुर दौरे पर पहुंचे. पहले से तय कार्यक्रम में 27 जून को पहाड़गंज द्वितीय वार्ड नंबर 75 में स्कूल के नए भवन के लोकार्पण का शामिल था. हालांकि, उनके पहुंचने से पहले ही मंगलवार रात को एक सरकारी विज्ञप्ति जारी की गई. इसमें कहा गया कि पहाड़गंज द्वितीय वार्ड संख्या 75 स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण की तारीख जल्द निर्धारित की जाएगी. भवन का लोकार्पण मदन दिलावर द्वारा किया जाएगा.
मंदिर में संचालित होता था स्कूल
पहाड़गंज का यह स्कूल पहले एक मंदिर में संचालित हुआ करती थी. स्कूल के भवन को लेकर लंबे समय से क्षेत्र के लोग, अभिभावक और खुद शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा था. अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल के दौरान वर्ष इस स्कूल के लिए 2022 में 1.64 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, जिससे अब स्कूल भवन बनकर तैयार हो चुका है.
इस बीच, जब अशोक गहलोत की ओर से उनके 25 को जोधपुर में इस स्कूल के लोकार्पण करने की कार्यक्रम की जानकारी सार्वजनिक हुई तो स्कूल की प्रिंसिपल के मुख्यालय छोड़ने की अनुमति मांगने की बात भी चर्चा में आ गई. स्कूल की प्रिंसिपल ने पारिवाक में किसी की मौत हो जाने के कारण हरिद्वार जाने के लिए 25 से 28 जून तक मुख्यालय छोड़ने की अनुमति के लिए आवेदन किया हुआ है. यह आवेदन 24 की शाम को किया गया.
स्कूल प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस
इस बीच शिक्षा विभाग ने स्कूल की प्रिंसिपल प्रज्ञा त्रिवेदी व सीबीईओ सिटी मूलसिंह चौहान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिला शिक्षा अधिकारी ओमसिंह राजपुरोहित की ओर जारी नोटिस में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कार्यक्रम जारी होने से पता लगा कि वे स्कूल का लोकार्पण करने वाले हैं. इसको लेकर प्रिंसिपल व सीबीईओ की ओर से न तो कोई पूर्व में अनुमति ली गई और न इस तरह के कार्यक्रम के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया. ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई से पहले स्पष्टीकरण दें. वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल के मुख्यालय छोड़ने की अनुमति मांगने की बात भी चर्चा में आ गई.
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