Ashok Gehlot: राजस्थान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के वोट चोरी के खिलाफ अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले निर्वाचन आयोग और भाजपा पर वोट चोरी के लिए सांठगांठ करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, वोट चोरी के खिलाफ राहुल गांधी ने देशव्यापी अभियान छेड़ा हुआ है, लेकिन लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी अकेले राहुल गांधी की ही नहीं है. देश में लोकतंत्र बचाने के लिए जनता को भी आगे आना होगा.
गहलोत ने बुधवार को तोतूका भवन में एसआईआर के मामले पर कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वोट चोरी का मसला बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि अगर लोकतंत्र में वोट चोरी होगी तो फिर चुनाव का मतलब ही क्या रह जाएगा? पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा के लोग वोट चोरी करते हैं और अगर वोट चोरी होगी तो लोगों को सोचना पड़ेगा. गहलोत ने कहा कि देश में निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए.
पूरा मुल्क देख रहा है गड़बड़ी
गहलोत ने कहा अगर कोई पार्टी चुनाव आयोग जाती है, तो वो अलग बात है. चुनाव में हार- जीत हो जाती है, लेकिन वोटिंग निष्पक्ष होनी चाहिए और वोटर लिस्ट भी पारदर्शी होनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि हरियाणा में क्या हुआ सबको मालूम है? महाराष्ट्र में तो अब उनकी पोल खुल गई है. हरियाणा में तो कुछ प्वाइंटों का फर्क रह गया था. गहलोत ने कहा, लोगों ने भी समझा कि हो सकता है कि कांग्रेस की कहीं कोई कमी रह गई होगी, इसलिए भाजपा जीत गई. लेकिन महाराष्ट्र की जीत पर तो सभी हैरान हैं. क्योंकि तीन महीने पहले ही लोकसभा के चुनाव हुए थे. वहां पर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना उद्धव मजबूत पार्टी थे. जिनको वहां बढ़त मिली थी. लेकिन तीन महीने के बाद विधानसभा चुनाव हुए और तीनों ही पार्टियों का सूपड़ा साफ हो गया, तो लोगों की समझ में आया कि कुछ न कुछ गड़बड़ हुआ है. गहलोत ने कहा कि पूरे मुल्क ने देखा है कि किस तरीके से गड़बड़ हुई है और सच्चाई देश के सामने आई है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मोबाइल और इंटरनेट का जमाना है. अगर कोई पार्टी यह कहती है कि यहां पर वोट चोरी हुई है, तो चुनाव आयोग को उसे गंभीरता से लेना चाहिए और बोलना चाहिए कि हम इसको दिखा रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष भी गरिमा का पद
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री का पद गरिमा का होता है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष का पद भी कम गरिमा का नहीं है. लेकिन जिस तरह से निर्वाचन आयोग व्यवहार कर रहा है, वो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि SIR को लेकर अगर विपक्षी दलों को शक हुआ तो प्रधानमंत्री की ड्यूटी बनती थी कि वे ऑल पार्टी मीटिंग बुलाते और सभी पार्टियों से सुझाव लेते फिर उनके सुझाव भी समाहित करते. गहलोत ने कहा कि जब SIR का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो कैसे 12 राज्यों में SIR करवाया जा रहा है? उन्होंने कहा कि ऐसे में शक पैदा होता है और लोगों का विश्वास अब निर्वाचन आयोग से उठ रहा है.
वोटिंग के दिन भी बिहार में बांटे गए महिलाओं को नोट
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मतदान के दिन भी बिहार में महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपए डाले गए हैं. जो एक तरह से महिलाओं को प्रभावित करने का प्रयास था. उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले 30 साल में सबसे ज्यादा वोटिंग इस बार हुई है. पूर्व सीएम बोले कि हमने भी राजस्थान में एक लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिए थे. 34 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाने थे, लेकिन आचार संहिता लग गई और हमारे पोस्टर लगे हुए थे तब चुनाव आयोग ने हमारे पोस्टर उतरवा दिए थे. लेकिन बिहार में मतदान के दिन भी महिलाओं को 10- 10 हजार रुपए दिए जा रहे थे और निर्वाचन आयोग कुछ नहीं बोल रहा. गहलोत ने कहा कि देश को ध्रुवीकरण और धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह देश किस दिशा में जाएगा, कुछ नहीं पता है?