Rajasthan News: 22 जनवरी को धर्म नगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का दिन डूंगरपुर में दिवाली की तरह मनाया जाएगा. इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो चुकी हैं. डूंगरपुर नगर परिषद के सहयोग से शहरवासी गौशाला में गाय के गोबर सहित घी और जड़ी बूटियों से विभिन्न प्रकार के दीपक तैयार करने में जुट गए हैं. यहां 51 हजार दीपक तैयार कर शहर के हर घर में वितरित किए जाएंगे. इन्ही दीपकों की सजावट से 22 जनवरी को डूंगरपुर शहर का हर घर रोशन होगा.
प्रतिदिन बन रहे 2000 दीये
भंडारिया स्थित गौशाला में गौमय दीपक बनाने में जुटे शहर निवासी अमरीश पहाड़ ने बताया कि राम मंदिर प्रतिष्ठा को लेकर डूंगरपुर वासी उत्साहित हैं और इस दिन को यादगार बनाने के लिए नवाचार किया जा रहा है. गोशाला में गोमय पंचगव्य दीपक बनाए जा रहे हैं जो गाय के गोबर, गौ मूत्र, घी, मक्खन, दही और विशेष जड़ी बूटियो के मिश्रण से तैयार किए जा रहे हैं. गौशाला में प्रतिदिन शहर की महिलाए व पुरुष पहुंचकर श्रमदान करते हुए दीपक तैयार करने में जुटे हैं. गौशाला में प्रतिदिन दो हजार दीपक तैयार किए जा रहे हैं. वहीं 51 हजार दीपक तैयार कर शहर के प्रति घर को 10 दीपक निशुल्क वितरित किए जाएंगे. शहरवासी 22 जनवरी को एक साथ ये दीपक जलाकर अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव को दिवाली के रूप में मनाएंगे.
गोमय वसते लक्ष्मी
राम बोला मठ के महंत और पीठाधीश श्री शंकर दास जी ने गोमय दीपक देखकर कहा कि हम अपने जीवन से, गौ को नहीं हटा सकते. हमारी ऐसी परंपराएं है जो ऐसा होने नहीं देंगी, गौ पृथ्वी स्वरूपा माँ है, यह प्राणी नहीं प्राण है और जानवर नहीं जान है इस देश की. जीवन से मृत्यु तक के सारे के सारे 16 संस्कार और त्यौहार चाहे दीपावली हो या होली हो विजयदशमी हो या नवरात्रे बिना गौ के नहीं हो सकते. भगवान का जन्म ही गौ की रक्षा के लिए हुआ था. उन्होंने सभापति अमृत कलासुआ के नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि गोमय दीपक बनाकर, शहर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे है. जब ये 51 हजार दीपक एक साथ जलेंगे तो पूरा शहर आध्यात्मिक ऊर्जा से भाव विभोर हो जाएगा.
गौ संरक्षण हेतु परिषद का प्रयास
स्वच्छता के साथ साथ नगर परिषद गौ सरंक्षण को लेकर कार्य कर रही है और इसके सरंक्षण में सभी शहरवासियों को सन्देश देने हेतु श्री राम मंदिर प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत शहर में 51 हजार गोमय दीपक बनाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि उपनिषद कहते हैं गौ माता के गोबर में लक्ष्मी और गौ मूत्र में धन्वंतरि का निवास होता है, इसलिए 22 जनवरी की दिवाली गोमय दीपक के साथ मनाई जाएगी. परिषद द्वारा प्रत्येक घर तक गोमय दीपक पहुंचाया जाएगा. इस कार्य हेतु नगरपरिषद और शहर के धर्म प्रेमियों की टीम लगी हुई जो प्रतिदिन 2 हजार गोमय दीपक बना रही है. महावीर गोशाला में गोमय पंचगव्य दीपक गाय के गोबर, गाय के मूत्र, गाय के घी, गाय के मक्खन, दही और विशेष जड़ी बूटियो से बना है जो जलाने से बहुत सकारात्मक ऊर्जा और परिणाम देगा.
गौमय दीपक बनाने के कार्य में नगर परिषद के इस अभियान में साथ देने के उद्देश्य से श्री त्रिपुर छाया संस्थान, गौ गोपाल सेवा समिति और देव मणि स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का सहयोग मिल रहा है जो पिछले चार दिन से इस कार्य में अपनी संस्था के सदस्यों के साथ मिलाकर गोमय दीपक बनाने में सहयोग कर रहे है. शनिवार को शहर की बेटियों और मातृ शक्ति ने 1100 दीपक बनाये और इस पुनीत कार्य हेतु शहरवासियों को प्रेरित किया.